रूपनगर । राजवीर दीक्षित
पंजाब के रूपनगर से बड़ी खबर है, कोर्ट परिसर में एक व्यक्ति ने मोरिंडा बेअदबी के आरोपी पर हमला करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उसे दबोच लिया। हमला करने वाला युवक पेशे से वकील है।
मोरिंडा बेअदबी की घटना के सामने आने के बाद से रोपड़ में तनावपूर्ण स्थिति शांत होती नहीं दिख रही है। गुरुवार को, पंजाब के रूपनगर कोर्ट में एक व्यक्ति रिवाल्वर लेकर अदालत में दाखिल हुआ, घटना उस वक्त हुई जब बेअदबी के आरोपी जसबीर सिंह को दो दिन की पुलिस रिमांड के बाद अदालत में पेश किया जा रहा था। विशेष रूप से, रूपनगर कोर्ट परिसर में प्रवेश करने वाले व्यक्ति ने मोरिंडा बेअदबी मामले के आरोपी पर हमला करने की कोशिश की, हालांकि, इससे पहले कि वह कुछ कर पाता, पुलिस ने उसे काबू कर लिया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक आरोपी पर हमला करने वाले शख्स की पहचान साहेब सिंह खुर्ल के रूप में हुई है और वह पेशे से वकील है जो मोरिंडा में रहता है। पुलिस ने खुर्ल को गिरफ्तार कर लिया है और फिलहाल उससे घटना के बारे में पूछताछ की जा रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मोरिंडा में गुरुद्वारा श्री कोतवाली साहिब में हुई बेअदबी की घटना से साहब सिंह खुर्ल काफी नाराज और परेशान था।
ज्ञात हो कि जसबीर नाम के एक व्यक्ति ने गुरुद्वारा श्री कोतवाली साहिब में घुसने की कोशिश की और ग्रन्थियों पर हमला करने के बाद से मोरिंडा में तनाव व्याप्त हो गया। यहां तक कि उसने श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की पवित्र ग्रंथ को फेंकने की भी कोशिश की, हालांकि, बाद में आसपास मौजूद लोगों ने उसे काबू कर लिया।
बाद में मोरिंडा बेअदबी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया जिसमें जसबीर की रेलिंग के ऊपर से जूते पहनकर कूदते और वहां मौजूद ग्रंथियों को पीटने लगा। बाद में जसबीर को गिरफ्तार कर लिया गया और उस पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने और हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया है।
यहां यह बताना उचित होगा कि मोरिंडा में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। घटना के एक दिन बाद इलाके की छोटी-बड़ी दुकानें बंद कर दी गईं और सिख संगत ने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष सरदार इकबाल सिंह लालपुरा ने भी मामले को लेकर सख्त संज्ञान लिया है और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
सरदार इकबाल सिंह लालपुरा के अनुसार बेअदबी की घटनाओं से बचा जा सकता है अगर दोषियों को सख्त सजा दी जाए और इस तरह के मामलों की निष्पक्ष जांच की जाए। इतना ही नहीं, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने पंजाब के मुख्य सचिव से पिछले 45 सालों में पंजाब में बेअदबी के सभी मामलों की सूची मांगी है।
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