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नई दिल्ली । राजवीर दीक्षित
भारत और आस्ट्रेलिया के बीच विश्व कप का फाइनल मुकाबला अहमदाबाद के नरेन्द्र मोदी स्टेडियम में खेला गया। 19 नवंबर को खेले गए मैच में आस्ट्रेलिया ने एक आसान जीत दर्ज कर ली।
जीत के नशे में चूर आस्ट्रेलियाई खिलाडिय़ों की ओछी हरकतें सामने आ रही हैं। इनमेंसे एक सोशल मीडिया पर वायरल फोटो ने फैंस को भडक़ा दिया है।
इसमें आस्ट्रेलिया के खिलाड़ी मिचेल मार्श ट्राफी पर पैर रख कर तस्वीर खिंचवाते नजर आ रहे हैं।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ी मिचेल मार्श की एक फोटो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही है जिसमें वह ट्रॉफी पर पैर रखे नजर आ रहे हैं।
इस तस्वीर को ऑस्ट्रलियाई कप्तान पैट कमिंस ने इंस्टाग्राम पर शेयर किया है। इस फोटो को देखकर भारतीय फैंस भडक़ उठे हैं। कई फैंस ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि, ‘तुम तुम ट्रॉफी डिजर्व नहीं करते हो’। कुछ ने मार्श की तुलना लियोनेल मेसी तक कल डाली।
दरअसल, मेसी ने जब फीफा विश्व कप का खिताब जीता था तो अगले दिन वह ट्रॉफी को अपने पास रखकर सोते दिखाई दिए। ये तस्वीर भी खूब वायरल हो रही है।
इस फोटो की तुलना मिचेल मार्श से हो रही है। फैंस ने कहा कि यह ट्राफी का अपमान है, मिचेल मार्श को ट्राफी पर पैर नहीं रखना चाहिए था।
मिचेल मार्श इस मुकाबले में 15 गेंदों में 15 रन बनाए हैं। इसके अलावा उन्होंने 2 ओवर भी डाले जिसमें उन्होंने 5 रन दिए।
इसी तरह के एक इंटरव्यू में आस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पॉटिंग ने टीम इंडिया की हार पर आपत्तिजनक बयान दिया है।
इसी तरह से एक इंटरव्यू में ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पॉटिग ने टीम इंडिया की हार पर आपत्तिजनक बयान दिया है।
पॉटिग ने कहा ‘यह क्रिकेट माफिया के खिलाफ न्याय की जीत है। आपका पैसा और ताकत अभी भी आपके लिए विश्व कप नहीं जीत पा रही है। कितना शर्मनाक’। इस बयान के बाद से भारतीय फैंस काफी गुस्से में हैं। उन्होंने का कहा इस तरह की बात करना दर्शाता है कि ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी कितने अहंकारी हैं.
यह हरकत नहीं आई पसंद
जीत के बाद ट्रॉफी पर पैर रख कर तस्वीर खिंचाना किसी को पसंद नहीं आया। खासकर भारतीय फैंस इस बात से बहुत नाराज हैं।
2011 में विश्व कप जीतने के बाद एमएस धोनी ने बाल कटवा दिए थे। उन्होंने वल्र्ड कप जीतने की मन्नत मानी थी।
भारतीय टीम ने जब श्री लंका को हराया था। क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर को साथी खिलाडिय़ों ने कंधे पर बैठाकर स्टेडियम के चारों और घुमाया था।
उसके पहले भारत ने 1983 के वल्र्ड कप में कपिल देव की कप्तानी में विश्व कप जीता था।
उस वक्त भी जिस तरह से कपिल देव ने ट्राफी उठाई थी वह काबिले तारीफ है। उन्होंने ट्राफी को सिर माथे पर लगाया था। उसे पूरा सम्मान दिया था।
कल के बाद से आस्ट्रेलियम टीम ने भले 6 बार विश्व जीत लिया हो, लेकिन क्रिकेट फैंस के दिल जीत पाने में वो कामयाब नहीं हुए हैं।
उसमें भारतीय टीम ही अव्वल है। आप चैंपियन हैं या नहीं, यह ज्यादा मायने नहीं रखता है। किसी खेल के प्रति आप सम्मान कितना प्रकट करते हैं ज्यादा अहम है।