नेशनल फर्टिलाइजर्स लिमिटेड (NFL) को जारी हुआ ₹94.84 करोड़ का GST डिमांड नोटिस। इनपुट टैक्स क्रेडिट रिफंड का सामने आया सनसनीखेज मामला।

चंडीगढ़/नंगल | राजवीर दीक्षित

(NFL Receives ₹94.84 Cr GST Demand Notice)देश के प्रतिष्ठित नवरत्न सार्वजनिक उपक्रम नेशनल फर्टिलाइजर्स लिमिटेड (NFL) को ₹94.84 करोड़ का जीएसटी डिमांड नोटिस जारी किया गया है। यह नोटिस केंद्रीय कर आयुक्त (गुंटूर) की ओर से जारी किया गया है,जिसमें कंपनी पर इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) रिफंड के अनुचित दावे का गंभीर आरोप है। यह सनसनीखेज मामला अप्रैल 2018 से दिसंबर 2020 की अवधि से संबंधित है, जिसमें एनएफएल कंपनी पर Inverted Duty Structure के तहत अयोग्य ITC रिफंड लेने का संदेह है।

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GST अधिकारियों के अनुसार, NFL ने ऐसे इनपुट टैक्स का रिफंड प्राप्त किया है, जो GST कानूनों के अनुसार पात्र नहीं था। नियमों के तहत ITC रिफंड केवल तब वैध होता है, जब इनपुट टैक्स की दर आउटपुट टैक्स से अधिक हो। इस केस में यह संतुलन नहीं पाया गया, जिससे रिफंड प्रक्रिया पर सवाल खड़े हो गए हैं। इस बाबत जारी आदेश को “ऑर्डर-इन-ओरिजिनल नंबर GUN-GST-000-ADC-09/2025-26-GST” के रूप में रजिस्टर किया गया है।

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NFL ने इस आदेश को कंपनी के कॉरपोरेट गवर्नेंस और रेगुलेटरी अनुपालन का हिस्सा मानते हुए इसका वित्तीय प्रकटीकरण कर दिया है।
फिलहाल अपनी आदत के अनुसार कंपनी ने अब तक इस मामले में कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि NFL इस आदेश की कानूनी समीक्षा कर रहा है और आगामी कार्यवाही पर विचार कर रहा है।

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जाने NFL के बारे में ?

1974 में स्थापित, नेशनल फर्टिलाइजर्स लिमिटेड देश के अग्रणी यूरिया उत्पादकों में से एक है और यह भारत सरकार के रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के अधीन कार्यरत है। कंपनी के पांच गैस-आधारित उत्पादन संयंत्र पंजाब (नंगल, बठिंडा), हरियाणा (पानीपत) और मध्य प्रदेश (विजयपुर – दो इकाइयाँ) में स्थित हैं। NFL देशभर में फैले अपने विपणन नेटवर्क के माध्यम से किसानों को उर्वरक, मृदा पोषण और तकनीकी सेवाएं उपलब्ध कराती है।

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यह नोटिस ऐसे समय आया है जब कंपनी विभिन्न वित्तीय और तकनीकी विस्तार योजनाओं पर कार्य कर रही है और सरकारी क्षेत्र में अपनी स्थिति को और मजबूत करने की दिशा में बढ़ रही है। हालांकि, इतना बड़ा टैक्स विवाद कंपनी की छवि और नियामकीय विश्वसनीयता पर जबरदस्त असर डाल सकता है।

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व्यापक प्रभाव और संकेत

विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला Inverted Duty Structure और ITC रिफंड नियमों की व्याख्या को लेकर अन्य कंपनियों के लिए भी एक नजीर बन सकता है। साथ ही यह भारत के जीएसटी अनुपालन ढांचे में बढ़ती निगरानी और पारदर्शिता की दिशा में एक कदम है।
फिलहाल सभी की निगाहें इस पर टिकी हैं कि NFL इस आदेश को किस तरह चुनौती देता है और अदालत में इसकी वैधता को कैसे प्रस्तुत किया जाएगा। यह विवाद न केवल एक कंपनी का मामला है, बल्कि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में कर अनुपालन की स्थिति को भी दर्शाता है। अगली अपडेट आपके लिए जल्द ही लेकर आएंगे।