नई दिल्ली। राजवीर दीक्षित
(IT Dept Cracks Down on Fake Tax Claims)देशभर में आयकर विभाग ने फर्जी कटौतियों और छूट के दावों पर बड़ा शिकंजा कसते हुए 150 से अधिक ठिकानों पर एक साथ कार्रवाई की है। केंद्र सरकार की जांच में यह खुलासा हुआ है कि कुछ ITR तैयार करने वाले प्रोफेशनल्स और बिचौलिए मिलकर संगठित टैक्स चोरी रैकेट चला रहे थे, जिसमें मनगढ़ंत रिटर्न दाखिल कर गलत तरीके से टैक्स छूट और रिफंड हासिल किया जा रहा था।
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वित्त मंत्रालय के मुताबिक, इन मामलों में आयकर अधिनियम की धाराओं 10(13A), 80G, 80D, 80EEB, 80DDB समेत कई प्रावधानों का दुरुपयोग हुआ है। कई कर्मचारियों ने फर्जी मेडिकल बिल, शिक्षा ऋण, चंदा और किराए की रसीदों के जरिए छूट ली, जिनका कोई वैध आधार नहीं था। इसमें MNC, सरकारी विभाग, शिक्षण संस्थान और निजी उद्यमों से जुड़े कर्मचारी शामिल पाए गए हैं।
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आयकर विभाग ने इन मामलों का पता लगाने के लिए थर्ड-पार्टी डेटा, एडवांस AI टूल्स और जमीनी खुफिया तंत्र का सहारा लिया। महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात, पंजाब, तमिलनाडु और मध्य प्रदेश में हुई सर्च व सीजर कार्रवाई में भारी मात्रा में डिजिटल साक्ष्य बरामद हुए हैं।
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पिछले चार महीनों में विभाग की अपील के बाद करीब 40,000 करदाताओं ने अपने रिटर्न संशोधित कर ₹1,045 करोड़ की फर्जी छूट वापस ले ली है। फिर भी बड़ी संख्या में करदाता अब भी नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं।
वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि अब ऐसे मामलों में जुर्माने के साथ अभियोजन की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी। यह जांच अभी भी जारी है।