नई दिल्ली। राजवीर दीक्षित
(Indian Athlete Gagandeep Singh Banned for 3 Years in Doping Case) राष्ट्रीय खेलों में डिस्कस थ्रो के स्वर्ण पदक विजेता और सेना के खिलाड़ी गगनदीप सिंह पर राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) ने तीन साल का प्रतिबंध लगा दिया है। नाडा ने यह कार्रवाई गगनदीप सहित कई खिलाड़ियों पर की है, जिन्होंने डोपिंग के आरोप लगने के 20 दिन के भीतर अपना अपराध स्वीकार कर लिया था। नियमों के तहत पहली बार डोपिंग में दोषी पाए जाने पर चार साल का प्रतिबंध लगता है, लेकिन ‘रिज़ल्ट मैनेजमेंट एग्रीमेंट’ के तहत गलती जल्दी मानने पर सज़ा घट जाती है।
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गगनदीप ने 12 फरवरी को उत्तराखंड में हुए राष्ट्रीय खेलों में 55.01 मीटर की थ्रो के साथ स्वर्ण पदक जीता था, लेकिन डोप टेस्ट में ‘टेस्टोस्टेरोन मेटाबोलाइट्स’ पॉज़िटिव आने के बाद उन्हें अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया। 30 वर्षीय गगनदीप का बैन 19 फरवरी 2025 से शुरू होगा और उनका पदक वापस ले लिया जाएगा। संभावना है कि हरियाणा के निर्भय सिंह का रजत पदक अब स्वर्ण में बदला जाएगा।
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इसी प्रावधान का लाभ अन्य एथलेटिक्स खिलाड़ियों सचिन कुमार (प्रतिबंध 10 फरवरी से) और जैनू कुमार (20 फरवरी से) को भी मिला। इसके अलावा जूडो खिलाड़ी मोनिका चौधरी और नंदिनी वत्स, पैरा पावरलिफ्टर उमेशपाल सिंह और सैमुअल वानलालतनपुइया, वेटलिफ्टर कविंदर, कबड्डी खिलाड़ी शुभम कुमार, पहलवान मुगली शर्मा, वूशू खिलाड़ी अमन और राहुल तोमर तथा एक नाबालिग पहलवान को भी कम सज़ा का फायदा हुआ।
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अधिकांश खिलाड़ियों को नाडा ने इस साल की शुरुआत में ही अस्थायी निलंबन का सामना करना पड़ा था, जो अब औपचारिक प्रतिबंध में बदल गया है। यह मामला भारतीय खेलों में डोपिंग के खिलाफ सख्त रुख का बड़ा उदाहरण माना जा रहा है।