शिमला। राजवीर दीक्षित
(Every State Should Get Centre’s Support: Mukesh Agnihotri)हिमाचल प्रदेश के उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने आज विधानसभा में कहा कि भारत जैसे संघीय ढांचे में हर राज्य का यह अधिकार है कि उसे केंद्र सरकार से आर्थिक मदद मिले।
बारिश से हुई तबाही पर सदन में चल रही बहस के दौरान अग्निहोत्री ने कहा कि सेराज क्षेत्र में आई आपदा के बाद जब बाढ़ के पानी में लकड़ियाँ बहती हुई दिखाई दीं तो कुछ लोगों ने इसे “गलत विकास मॉडल” करार देने की कोशिश की। लेकिन सरकार ने इस आलोचना को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि आपदा किसी भी क्षेत्र में आ सकती है और ऐसे समय में राजनीति करना बिल्कुल गलत है।
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उप मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, “नेता प्रतिपक्ष और भाजपा को चाहिए कि वे केंद्र सरकार से विशेष राहत पैकेज लाएं। पहले यह धारणा बनी थी कि आप दिल्ली जाकर राज्य को मिलने वाली आर्थिक मदद रोकने का प्रयास करते थे, लेकिन अब आप सेराज के लिए विशेष राहत की मांग कर रहे हैं। हमें इसमें भी कोई आपत्ति नहीं है।” उन्होंने बताया कि सिर्फ जल शक्ति विभाग को ही इस मानसून सीज़न में 300 करोड़ रुपये का नुकसान झेलना पड़ा है।
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धर्मपुर के विधायक चंद्रशेखर ने सुझाव दिया कि राज्य की पारिस्थितिकी से छेड़छाड़ करने वाले किसी भी कार्य—जैसे खनन, सड़क निर्माण, टनलिंग या अन्य प्रयोगात्मक परियोजनाओं—को स्थानीय प्राधिकरण की अनुमति (एनओसी) के बिना मंजूरी नहीं दी जानी चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग को नज़रअंदाज़ करना हिमाचल को और भी ज्यादा संवेदनशील बना देगा।
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बहस में मंडी सदर से अनिल शर्मा, शाहपुर से केवल सिंह पठानिया, नाचन से विनोद कुमार, भोरंज से सुरेश कुमार और चुराह से हंस राज ने भी भाग लिया।
सदन में यह चर्चा नियम 67 के तहत करवाई गई, जिसके लिए पहले दिन की पूरी सूचीबद्ध कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। जबकि आपदा पर बहस का प्रस्ताव कांग्रेस विधायकों ने नियम 130 के तहत रखा था, लेकिन विपक्ष ने नियम 67 पर चर्चा की मांग की। अंततः स्पीकर कुलदीप पठानिया ने नियम 67 के तहत बहस की अनुमति दी।