नई दिल्ली । राजवीर दीक्षित
(Facebook, Instagram, YouTube and other social media platforms banned in Nepal)नेपाल ने गुरुवार को फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब सहित कई सोशल मीडिया साइटों पर प्रतिबंध लगा दिया, क्योंकि उन्होंने निर्धारित समय सीमा के भीतर संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में पंजीकरण नहीं कराया। मंत्रालय द्वारा जारी नोटिस के अनुसार, सोशल मीडिया कंपनियों को 28 अगस्त से सात दिन का समय पंजीकरण के लिए दिया गया था।
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बुधवार रात समय सीमा समाप्त होने के बाद भी बड़ी सोशल मीडिया कंपनियों—जैसे मेटा (फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप), अल्फाबेट (यूट्यूब), एक्स (पूर्व में ट्विटर), रेडिट और लिंक्डइन—ने आवेदन जमा नहीं किए। हालांकि, टिक-टॉक, वाइबर, विटक, निंबज़ और पोपो लाइव सूची में शामिल हैं, जबकि टेलीग्राम और ग्लोबल डायरी ने आवेदन कर दिया है और स्वीकृति की प्रक्रिया में हैं, मंत्रालय ने बताया।
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फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया कंपनियों ने अब तक नेपाल सरकार के इस फैसले पर कोई टिप्पणी नहीं की है। बिना पंजीकरण वाले प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय ‘मैनेजिंग द यूज़ ऑफ सोशल नेटवर्क्स, 2023’ के तहत बनाए गए निर्देशों के अनुसार लिया गया। यह फैसला संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरुङ की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया, मंत्रालय के सूत्रों ने बताया।
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मंत्रालय ने नेपाल टेलीकम्युनिकेशंस अथॉरिटी को बिना पंजीकरण वाले सोशल साइट्स को बंद करने का निर्देश दिया है। यह प्रतिबंध गुरुवार आधी रात से लागू होगा।
मंत्रालय के प्रवक्ता गजेन्द्र कुमार ठाकुर ने कहा—“सूचीबद्ध पांच प्लेटफॉर्म्स और दो प्रक्रिया में चल रहे प्लेटफॉर्म्स को छोड़कर बाकी सभी नेपाल में निष्क्रिय कर दिए जाएंगे। यदि कोई प्लेटफॉर्म पंजीकरण पूरा कर लेता है, तो उसी दिन उसे दोबारा खोल दिया जाएगा।”
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विशेषज्ञों ने कहा कि यह फैसला विदेशों में रह रहे लाखों नेपाली नागरिकों को प्रभावित करेगा, जो शिक्षा या रोजगार के लिए बाहर हैं और प्रतिदिन फेसबुक मैसेंजर और व्हाट्सएप जैसे प्लेटफॉर्म्स से परिवार और मित्रों से संवाद करते हैं।
आर्थिक दैनिक के वरिष्ठ पत्रकार और संपादक प्रल्हाद रिजाल ने कहा—“70 लाख से अधिक युवा उच्च शिक्षा या रोजगार के लिए नेपाल से बाहर हैं। यह निर्णय उनके अपने परिवार और मित्रों से संवाद को सीधे प्रभावित करेगा।”
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प्रतिबंध का एक और असर यह होगा कि फेसबुक ने हाल ही में नेपाल को उन देशों की सूची में शामिल किया था, जहां कंटेंट मोनेटाइजेशन की सुविधा उपलब्ध है, जिससे उपयोगकर्ता वीडियो, रील्स और स्टोरीज़ से सीधे कमाई कर सकते थे।
इसी बीच, नेपाल पत्रकार महासंघ (FNJ) ने सरकार के इस फैसले का विरोध जताया और तुरंत इसे वापस लेने की मांग की। महासंघ के महासचिव राम प्रसाद दाहाल ने अपने बयान में कहा—“सोशल मीडिया साइट्स पर बिना विकल्प दिए प्रतिबंध लगाना न केवल अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और प्रेस की आज़ादी को सीमित करता है, बल्कि यह संविधान द्वारा प्रदत्त सूचना के अधिकार का भी उल्लंघन है।”
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महासंघ ने सरकार से अपील की कि वह सूचना का अधिकार, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और प्रेस की आज़ादी का सम्मान करते हुए इस प्रतिबंध को तत्काल वापस ले।