चंडीगढ़ । राजवीर दीक्षित
(Punjab’s Lt Parul Dhadwal becomes 5th-generation Army officer, wins gold medal)पंजाब की नई-नियुक्त अधिकारी लेफ्टिनेंट पारुल डडवाल ने अद्भुत उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी (ओटीए) में मेरिट सूची में प्रथम स्थान प्राप्त कर गोल्ड मेडल जीता है। इसके साथ ही वे अपने परिवार की पाँचवीं पीढ़ी की अधिकारी बन गई हैं, जिसका एक लंबा सैन्य परंपरा से जुड़ा इतिहास रहा है। पारुल डडवाल अपने परिवार की पहली महिला अधिकारी भी हैं। शनिवार को चेन्नई स्थित ओटीए से पासआउट होकर उन्हें आर्मी ऑर्डनेंस कोर में कमीशन दिया गया। जहाँ दूसरी और तीसरी पीढ़ी के अफसर आमतौर पर देखने को मिलते हैं, वहीं चौथी और पाँचवीं पीढ़ी के अफसर काफी दुर्लभ हैं।
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लेफ्टिनेंट डडवाल पंजाब के होशियारपुर ज़िले के जनौरी गाँव से ताल्लुक रखती हैं। उनके पिता मेजर जनरल केएस डडवाल वर्तमान में सेवा में हैं और 27 माउंटेन डिवीजन की कमान संभाल चुके हैं। उनके पिता, जो चौथी पीढ़ी के अधिकारी हैं, और भाई, कैप्टन धनंजय डडवाल, दोनों 20 सिख रेजिमेंट से जुड़े हैं।
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इस परिवार की सैन्य परंपरा उनके परदादा-परदादा (great-great-grandfather) सूबेदार हरनाम सिंह से शुरू हुई थी, जिन्होंने 74 पंजाबी रेजिमेंट में 1 जनवरी 1896 से 16 जुलाई 1924 तक सेवा की। उनके परदादा मेजर एलएस डडवाल 3 जाट रेजिमेंट में रहे। तीसरी पीढ़ी का प्रतिनिधित्व 7 जम्मू-कश्मीर राइफल्स के कर्नल दलजीत सिंह डडवाल और 3 कुमाऊँ रेजिमेंट के ब्रिगेडियर जगत जमवाल ने किया। सेना ने कहा, “लेफ्टिनेंट पारुल के शामिल होने से इस परिवार के अब तीन सदस्य एक साथ वर्दी में सेवा कर रहे हैं — यह एक दुर्लभ सम्मान है और कई लोगों के लिए प्रेरणा भी।”
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पारुल शॉर्ट सर्विस कमीशन (महिला) – 34 कोर्स का हिस्सा थीं, जो शॉर्ट सर्विस कमीशन – 120 (पुरुष) कोर्स के साथ पासआउट हुआ। कुल 155 कैडेट, जिनमें 25 महिलाएँ शामिल थीं, भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट के रूप में कमीशन किए गए। इसके अतिरिक्त 9 मैत्रीपूर्ण विदेशी देशों से आए 21 कैडेट, जिनमें 12 महिलाएँ शामिल थीं, ने भी अपने भारतीय साथियों के साथ प्रशिक्षण पूरा किया।
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एयर चीफ़ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने पासिंग-आउट परेड की सलामी ली। संबोधन में उन्होंने कहा कि युद्ध का मैदान लगातार जटिल होता जा रहा है और युवा अधिकारियों को भविष्य के संघर्षों में सफल होने के लिए निरंतर प्रशिक्षण की आवश्यकता होगी। उन्होंने कैडेट्स से अपने दृष्टिकोण को विस्तृत करने और अपनी वास्तविक क्षमता खोजने का आह्वान किया। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि ताकत व्यक्तिगत उत्कृष्टता और टीम की एकजुटता से आती है।
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एयर चीफ़ ने स्वॉर्ड ऑफ़ ऑनर और सिल्वर मेडल राज बिस्वास को प्रदान किया, जिन्हें कोर्स का सर्वश्रेष्ठ कैडेट घोषित किया गया। वहीं कांस्य पदक प्रांजल दीक्षित को दिया गया, जिन्होंने मेरिट सूची में तीसरा स्थान हासिल किया।