अमृतसर । राजवीर दीक्षित
(Punjab moves to put ‘Amritsari Kulcha’ on the map with possible GI tag)पंजाब का फूड प्रोसेसिंग विभाग ‘अमृतसरी कुलचा’ के लिए भौगोलिक संकेतक (Geographical Indication – GI) टैग हासिल करने की संभावना तलाश रहा है। यह एक प्रसिद्ध व्यंजन है जिसकी उत्पत्ति अमृतसर से हुई थी। जीआई टैग किसी उत्पाद को उसकी विशिष्ट भौगोलिक उत्पत्ति के कारण प्राप्त अनोखी गुणवत्ता या विशेषता के आधार पर दिया जाता है।
➡️ हमारे Video चैनल को देखने के लिए इस Line को Click करें, Follow करें व Like करें। आपको Updates मिलते रहेंगे।
फूड प्रोसेसिंग विभाग, पंजाब की प्रिंसिपल सेक्रेटरी राकी गुप्ता भंडारी ने कहा कि इससे न केवल शहर की पाक कला विरासत को बढ़ावा मिलेगा बल्कि ब्रांडिंग, निर्यात, बाज़ार विस्तार के नए अवसर खुलेंगे और अंततः नए रोज़गार के अवसर भी पैदा होंगे। उन्होंने अमृतसर स्थित गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र की पहल पर चर्चा के लिए बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में फूड साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग के फैकल्टी सदस्य, उद्योग संघों के प्रतिनिधि और प्रसंस्करण इकाइयों जैसे मुरब्बा, अचार, बासमती चावल, शहद और गुड़ से जुड़े प्रतिनिधि शामिल हुए।
Video देखें: नंगल ऊना चंडीगढ़ मार्ग पर ट्रक ड्राइवर को आ गई नींद।
उन्होंने खाद्य एग्रो-प्रोसेसिंग सेक्टर के महत्व पर ज़ोर देते हुए इसे ‘सनशाइन इंडस्ट्री’ बताया, क्योंकि इसमें विकास और रोज़गार सृजन की अपार संभावनाएँ हैं। उन्होंने खाद्य व्यवसाय संचालकों (FBOs) के लिए मज़बूत बैकवर्ड और फॉरवर्ड लिंकेज बनाने की ज़रूरत पर बल दिया ताकि इस क्षेत्र का सतत विकास सुनिश्चित किया जा सके।
उन्होंने गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी की अकादमिक-उद्योग अंतर को पाटने की सक्रिय पहल की भी सराहना की। विभाग पूरी वैल्यू चेन—खेत से फैक्ट्री और फैक्ट्री से थाली तक—को मज़बूत बनाने के लिए नीतियाँ तैयार कर रहा है, जिससे एक सहज और प्रभावी प्रक्रिया सुनिश्चित हो सके।
Video देखें: नशे में टल्ली युवक के हाई वोल्टेज ड्रामे ने नंगल के बाजार में माहौल को गर्मा दिया।
बैठक में पंजाब के खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र की वृद्धि के लिए प्रमुख उद्योगगत माँगों और संभावित समाधानों पर भी चर्चा हुई। मुख्य चर्चा बिंदुओं में नवाचार और बुनियादी ढाँचे के विकास को बढ़ावा देने के लिए फूड पार्क और टेक्नोलॉजी एक्सचेंज प्लेटफॉर्म स्थापित करना शामिल था। इसके अलावा, गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों को बनाए रखने के लिए कुशल मानव संसाधन और आधुनिक फूड टेस्टिंग लैब की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर भी ज़ोर दिया गया।
Video देखें: Nepal में फंसी एक भरतीय लड़की मांग रही है सहयोग,सरकार को दखल देने की जरूरत।
चर्चा में फलों, सब्ज़ियों, पापड़, वड़ियाँ, शहद, मसाले और गुड़ जैसे उत्पादों के लिए प्रसंस्करण सुविधाएँ विकसित करने पर भी विचार किया गया। एपीडा (APEDA) के सहयोग से कोल्ड स्टोरेज सुविधाओं का निर्माण और अमृतसर हवाई अड्डे पर नाशवंत वस्तुओं की कार्गो हैंडलिंग को बेहतर बनाने के प्रस्ताव भी रखे गए।
इसके अलावा, पंजाब एग्रो के माध्यम से शहद निर्यात को बढ़ावा देने को भी इस क्षेत्र के विकास की संभावित दिशा के रूप में रेखांकित किया गया।