नई दिल्ली। राजवीर दीक्षित
(Canada’s 80% Visa Rejection Pushes Indians to Germany, NZ)कनाडा में भारतीय छात्रों के लिए स्टूडेंट वीज़ा का संकट गहराता जा रहा है। इमीग्रेशन, रिफ्यूजीज़ एंड सिटिजनशिप कनाडा (IRCC) के ताज़ा आँकड़े बताते हैं कि वर्ष 2025 में लगभग 80% भारतीय वीज़ा आवेदन खारिज कर दिए गए। इस असामान्य रिजेक्शन दर ने छात्रों और परिवारों में अनिश्चितता को जन्म दिया है।
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इसके विपरीत, जर्मनी अंतरराष्ट्रीय शिक्षा का नया केंद्र बनकर उभर रहा है। वहाँ के संघीय सांख्यिकी कार्यालय के अनुसार, 2025 में भारतीय छात्रों की संख्या बढ़कर 60,000 हो गई, जो 2023 में 49,500 थी। किफ़ायती शिक्षा, उच्च शैक्षणिक गुणवत्ता और छात्र-केंद्रित ढाँचा जर्मनी को आकर्षक विकल्प बना रहे हैं। साथ ही, न्यूज़ीलैंड और आयरलैंड जैसे देशों में भी छात्रों की दिलचस्पी बढ़ रही है, जहाँ वीज़ा प्रक्रिया सरल और करियर अवसर स्पष्ट माने जाते हैं।
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विशेषज्ञों का मानना है कि कनाडा की यह सख़्ती सुधारात्मक कदम है। 2023 में रिकॉर्ड एडमिशन के चलते आवास, स्वास्थ्य सेवाओं और पार्ट-टाइम नौकरी बाज़ार पर दबाव बढ़ा था, जिसके बाद कनाडा ने स्टडी परमिट की सीमा घटाकर 4,37,000 कर दी और वित्तीय प्रमाणन की शर्तें सख़्त कर दीं।
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इमीग्रेशन कंसल्टेंट्स के अनुसार, अब परिवार अपनी रणनीति बदल रहे हैं और ऐसे देशों की ओर देख रहे हैं जहाँ शिक्षा और कौशल विकास सीधे करियर से जुड़े हों। शिक्षा जगत इसे “वैश्विक रीसेट” बता रहा है, जो संकेत देता है कि अब अंतरराष्ट्रीय शिक्षा को प्रवास का रास्ता नहीं, बल्कि रोज़गारयोग्यता और नवाचार से जोड़ा जाएगा।