मैक्स अस्पताल मोहाली पर बरसे मंत्री हरजोत सिंह बैंस, हिमाचल की बुजुर्ग महिला को इमरजेंसी में भर्ती करने से किया गया था इनकार

चंडीगढ़ । राजवीर दीक्षित
(Harjot Singh Bains Slams Mohali Max Hospital for Refusing Emergency Admission to Elderly Woman)देश के प्रमुख निजी अस्पतालों में शामिल मैक्स अस्पताल मोहाली में आज घटी घटना ने न केवल लोगों को हिला कर रख दिया, बल्कि राज्य के कैबिनेट मंत्री हरजोत सिंह बैंस को भी कड़े शब्दों में प्रतिक्रिया देने के लिए मजबूर कर दिया। वह वहां अपने एक साथी के परिवार का हाल जानने पहुंचे हुए थे। मामला अस्पताल प्रबंधन की कथित लापरवाही और मुनाफाखोरी से जुड़ा है, जहां हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर से इलाज कराने आई एक बुजुर्ग महिला को लगभग 20–25 मिनट तक एंबुलेंस में ही बैठाए रखा गया और इमरजेंसी वार्ड में दाखिल नहीं किया गया।

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प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, महिला की हालत गंभीर थी और तुरंत मेडिकल सहायता की आवश्यकता थी। हैरानी की बात यह रही कि इमरजेंसी वार्ड पूरी तरह से खाली था, फिर भी अस्पताल स्टाफ ने “फाइल बनाने” और औपचारिकताओं के नाम पर मरीज को अंदर नहीं जाने दिया। अंततः जब हरजोत बैंस को पता चला तो उन्होंने खुद हस्तक्षेप कर उक्त बुजुर्ग महिला समेत एक अन्य मरीज को अस्पताल में भर्ती करवाया।

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इस पूरे घटनाक्रम पर मंत्री बैंस ने गहरी नाराज़गी व्यक्त करते हुए कहा— “यह बहुत ही दुखद और निंदनीय है कि इंसान की कीमती जिंदगी से ज्यादा पैसा इन निजी अस्पतालों के लिए महत्वपूर्ण हो गया है। मरीजों से इलाज के नाम पर लाखों रुपये वसूले जाते हैं, लेकिन जब वही मरीज समय पर इलाज मांगते हैं तो उन्हें बाहर भटकना पड़ता है। यह अमानवीय है और कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”

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बैंस ने यह भी कहा कि वह डॉक्टरों का दिल से सम्मान करते हैं, क्योंकि उन्हें इंसानियत में भगवान का दूसरा रूप माना जाता है। लेकिन, कुछ अस्पताल प्रबंधन जब इस तरह की संवेदनहीनता दिखाते हैं तो समाज का भरोसा डगमगाने लगता है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि पंजाब सरकार इस मामले को गंभीरता से लेगी और संबंधित अस्पताल से जवाब-तलब किया जाएगा।

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स्थानीय लोगों ने भी इस घटना की कड़ी आलोचना की और सवाल उठाए कि अगर निजी अस्पतालों में इलाज से पहले पैसे और औपचारिकताओं को ही प्राथमिकता दी जाएगी, तो गंभीर मरीजों की जान कैसे बचेगी? लोगों की मांग है कि इस मामले की उच्च-स्तरीय जांच हो और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

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इस पूरे प्रकरण ने एक बार फिर निजी अस्पतालों की कार्यप्रणाली और उनकी प्राथमिकताओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जहां एक ओर सरकार आम जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के दावे करती है, वहीं दूसरी ओर निजी अस्पतालों की यह मुनाफाखोरी इंसानियत के लिए एक गहरी चोट साबित हो रही है।

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मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने अंत में कहा— “मेरे लिए यह केवल एक घटना नहीं, बल्कि व्यवस्था की गंभीर खामियों का आईना है। पंजाब सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि भविष्य में किसी भी मरीज के साथ ऐसी लापरवाही न हो और इंसानियत को पैसों से ऊपर रखा जाए।”