चंडीगढ़। राजवीर दीक्षित
(Centre Withdraws PU Senate Dissolution Order After Student Protests)पंजाब यूनिवर्सिटी की सीनेट और सिंडिकेट को भंग करने संबंधी केंद्र सरकार का नोटिफिकेशन आखिरकार रद्द कर दिया गया है। यह फैसला लगातार बढ़ते छात्र विरोध और राजनीतिक दबाव के बाद सामने आया है। कई दिनों से पंजाब यूनिवर्सिटी में छात्र संगठनों द्वारा “यूनिवर्सिटी बचाओ मोर्चा” के बैनर तले धरना-प्रदर्शन जारी था। 10 नवंबर को यूनिवर्सिटी बंद करने की चेतावनी भी दी गई थी।
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आम आदमी पार्टी ने केंद्र के इस कदम को जनता की जीत बताया। सांसद हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि छात्रों और आम जनता के विरोध के आगे केंद्र सरकार को झुकना पड़ा। वहीं, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पहले ही ऐलान किया था कि पंजाब सरकार इस नोटिफिकेशन को असंवैधानिक बताते हुए हाईकोर्ट का रुख करेगी।
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बता दें कि पहले जारी नोटिफिकेशन में पंजाब यूनिवर्सिटी की सीनेट और सिंडिकेट की संरचना में बड़े बदलाव किए गए थे। सीनेट का आकार 91 से घटाकर 31 और सिंडिकेट का 27 से घटाकर 17 किया गया था। साथ ही, चुनाव प्रणाली खत्म कर सभी सदस्यों की नियुक्ति नामांकन के आधार पर करने का प्रस्ताव था। इस बदलाव के तहत पंजाब और चंडीगढ़ प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों को भी पदेन सदस्य बनाया जाना था। छात्रों और शिक्षकों ने इसे यूनिवर्सिटी की लोकतांत्रिक संरचना पर हमला बताया, जिसके बाद केंद्र सरकार को अपना फैसला वापस लेना पड़ा।

















