नई दिल्ली। राजवीर दीक्षित
(AAP Leaders Booked Over Santa Claus Mockery Row)दिल्ली की सियासत में एक बार फिर धार्मिक भावनाओं और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। सांता क्लॉज़ से जुड़े कथित आपत्तिजनक वीडियो के मामले में आम आदमी पार्टी (AAP) के तीन प्रमुख नेताओं—दिल्ली इकाई के अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज, विधायक संजीव झा और महासचिव आदिल अहमद—के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। यह मामला राजधानी के राजनीतिक और सामाजिक हलकों में चर्चा का केंद्र बना हुआ है।
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दिल्ली पुलिस के अनुसार, यह एफआईआर कनॉट प्लेस थाने में अधिवक्ता खुशबू जॉर्ज की शिकायत पर दर्ज की गई है। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि संबंधित नेताओं ने जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण तरीके से ईसाई समुदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत किया। भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 299, 302 और 3(5) के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
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शिकायत के मुताबिक, 17 और 18 दिसंबर को आरोपियों ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कनॉट प्लेस में किए गए एक राजनीतिक स्किट के वीडियो साझा किए। इन वीडियो में सांता क्लॉज़ की वेशभूषा में लोगों को कथित तौर पर मज़ाकिया और अपमानजनक तरीके से दिखाया गया है। वीडियो में सांता क्लॉज़ के किरदारों को सड़क पर गिरते, बेहोश होते और नकली सीपीआर दिए जाने जैसे दृश्य दिखाए गए, जिन्हें राजनीतिक संदेश देने के लिए इस्तेमाल किया गया।
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शिकायतकर्ता का कहना है कि सांता क्लॉज़ ईसाई समुदाय के लिए केवल एक काल्पनिक पात्र नहीं, बल्कि सेंट निकोलस की विरासत और क्रिसमस पर्व से जुड़ा एक श्रद्धेय धार्मिक व सांस्कृतिक प्रतीक हैं। ऐसे में एडवेंट के अंतिम दिनों में इस तरह की प्रस्तुति को ईसाई आस्था का अपमान माना गया है।
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विवादित वीडियो में यह दावा किया गया था कि क्रिसमस से पहले लोगों को चॉकलेट बांटने आए दो सांता क्लॉज़ दिल्ली के खतरनाक प्रदूषण को सहन नहीं कर पाए और उन्हें गैस मास्क पहनकर अपनी जान बचानी पड़ी। इस मामले ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि राजनीतिक व्यंग्य और धार्मिक संवेदनशीलता के बीच की रेखा आखिर कहां खिंची जानी चाहिए।

















