चंडीगढ़ । राजवीर दीक्षित
(High Court Demands Clarity on Helmet Rules for Sikh Riders) सिख पुरुषों और महिलाओं को दोपहिया वाहनों पर हेलमेट पहनने से छूट को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई की गई है। इसी के साथ हाईकोर्ट ने पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ से बिना हेलमेट के दोपहिया वाहन चलाने पर कितनी महिलाओं के चालान किए गए हैं? इसके बारे में भी जानकारी मांगी है। जिस पर अगली सुनवाई 4 दिसंबर निश्चित की गई है।
इस मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा, नियमों स्पष्ट हैं कि केवल दस्तारधारी सिख पुरुषों और महिलाओं को सार्वजनिक रूप से दोपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट पहनने से छूट दी जाएगी, किसी और को नहीं, अगर वे हेलमेट नहीं पहनते, तो उनका चालान किया जाएगा।
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बता दें कि 2017 में हाई कोर्ट ने महिलाओं के लिए दोपहिया वाहनों पर हेलमेट पहनना अनिवार्य करने का आदेश दिया था, जिसके विरोध में धार्मिक संगठन खड़े हो गए थे, तब पंजाब सरकार ने कहा था कि राज्य में हर सिख महिला को हेलमेट पहनने से छूट दी गई है, जिस पर हाई कोर्ट ने कहा था कि हेलमेट पहनने से धार्मिक भावनाएं कैसे आहत हो सकती हैं, हेलमेट महिलाओं की सुरक्षा के लिए है, हमें इसकी चिंता है।
यह भी पूछा गया कि अगर ऐसा किया गया तो आप दोपहिया वाहन पर किसी महिला की पहचान कैसे करेंगे कि वह सिख है या नहीं।
इसलिए अब हाईकोर्ट को मोटर वाहन अधिनियम में किए गए संशोधन की जानकारी दी गई है, जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि केवल दस्तारधारी पुरुषों और महिलाओं को दोपहिया वाहनों पर हेलमेट पहनने से छूट मिलेगी, अन्य किसी को नहीं।
इसलिए हाईकोर्ट ने पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ से जानकारी मांगी है कि इसका पालन कितनी सख्ती से किया जा रहा है और वे 4 दिसंबर को इस मामले की अगली सुनवाई में बताएं कि उनके राज्य में कितनी महिलाएं बिना हेलमेट के दोपहिया वाहन चलाती हैं या पिछली सीट पर बैठने को लेकर कितने चालान किए गए हैं।