Justice Sanjeev Khanna बने 51वें चीफ जस्टिस, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिलाई शपथ

नई दिल्ली । राजवीर दीक्षित

(Justice Sanjeev Khanna Sworn in as India’s 51st Chief Justice) जस्टिस संजीव खन्ना ने देश के 51वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में उन्हें पद की शपथ दिलाई।

जस्टिस खन्ना का कार्यकाल लगभग छह महीने का होगा और वे 13 मई 2025 तक इस पद पर बने रहेंगे। उनके कार्यकाल में उन्होंने कई महत्वपूर्ण मामलों पर फैसले दिए हैं, जिनमें चुनावी बॉन्ड योजना को लेकर विचार, और अनुच्छेद 370 निरस्त करने से जुड़े मामलों में भागीदारी शामिल है। उनके नेतृत्व में भारतीय न्यायपालिका में कई अहम बदलाव और महत्वपूर्ण निर्णय की उम्मीद की जा रही है।

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जस्टिस संजीव के चाचा जस्टिस हंसराज खन्ना भी सुप्रीम कोर्ट में जज थे। हालांकि, इंदिरा सरकार के इमरजेंसी का विरोध करने पर उन्हें सीनियर होने के बावजूद चीफ जस्टिस नहीं बनाया गया।

उनकी जगह जस्टिस एमएच बेग को CJI बना दिया गया। जस्टिस हंसराज ने इसका विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट जज से इस्तीफा दे दिया था।

आर्टिकल-370, इलेक्टोरल बॉन्ड जैसे जस्टिस खन्ना के बड़े फैसले सुप्रीम कोर्ट में अपने 6 साल के करियर में जस्टिस खन्ना 450 बेंचों का हिस्सा रहे हैं। उन्होंने खुद 115 फैसले लिखे। इसी साल जुलाई में जस्टिस खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल को जमानत दी थी। 8 नवंबर को AMU से जुड़े फैसले में जस्टिस खन्ना ने यूनिवर्सिटी को माइनॉरिटी स्टेटस दिए जाने का समर्थन किया है।

24 अक्टूबर को हुआ नियुक्ति का ऐलान
मुख्य न्यायाधीश रहे डी वाई चंद्रचूड़ ने 16 अक्टूबर को जस्टिस संजिव खन्ना के नाम की सीजेआई के पद के लिए सिफारिश की थी। इसी के बाद केंद्र ने आधिकारिक रूप से जस्टिस खन्ना की चीफ जस्टिस के पद पर नियुक्ति का ऐलान 24 अक्टूबर को किया था। शुक्रवार को सीजेआई के रूप में जस्टिस चंद्रचूड़ का आखिरी कार्य दिवस था। इस के बाद उन्हें शीर्ष अदालत के न्यायाधीशों, वकीलों और कर्मचारियों ने जोरदार विदाई पार्टी दी और उनका 2 साल का सफल कार्यकाल पूरा हुआ।