हरजोत बैंस ने शिक्षा सुधारों की प्रगति जानने के लिए उठाया महत्वपूर्ण कदम, “शिक्षकों के साथ संवाद” शुरू किया

मोहाली । राजवीर दीक्षित

(Transforming Punjab’s Education: Harjot Singh Bains Launches Groundbreaking Dialogue with Teachers) पंजाब के सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर को ऊँचा उठाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, स्कूल एवं उच्च शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने मोहाली जिले में शिक्षकों के साथ संवाद की नई पहल का शुभारंभ किया। इस संवाद का उद्देश्य सरकारी स्कूलों में चल रहे सुधारों और कार्यक्रमों के बारे में शिक्षकों से फीडबैक प्राप्त करना है, ताकि आवश्यक सुधार और बदलाव किए जा सकें।

शिक्षा में गुणवत्ता और गुणात्मकता का लक्ष्य
मंत्री बैंस ने पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के ऑडिटोरियम में शिक्षकों की समस्याओं को सुनते हुए कहा कि भगवंत मान सरकार ने सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों के भविष्य को आकार देने के लिए कई नई अवधारणाएँ पेश की हैं, जैसे कि स्कूल ऑफ एमिनेंस, स्कूल ऑफ हैप्पीनेस, और स्कूल ऑफ ब्रिलियंस। इन पहलों का उद्देश्य शिक्षा प्रणाली में सुधार करना और विद्यार्थियों को उपग्रहों के प्रक्षेपण जैसे अवसर प्रदान करना है।

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विश्व स्तरीय प्रशिक्षण का लाभ
हरजोत बैंस ने बताया कि प्रिंसिपलों और शिक्षकों को फिनलैंड, आईआईएम अहमदाबाद, और सिंघपुर से प्रशिक्षण प्राप्त करने का अवसर दिया गया है। यह प्रशिक्षण उन्हें नेतृत्व और प्रबंधन कौशल से लैस करेगा, जिससे वे पंजाब की शिक्षा प्रणाली को विश्व स्तरीय बना सकें।

संविधानिक सुधारों की आवश्यकता
मंत्री ने कहा कि पंजाब में पहली बार सरकारी स्कूलों को निजी स्कूलों के बराबर लाने के लिए क्रांतिकारी कदम उठाए गए हैं। उन्होंने बताया कि अब तक 1000 स्कूलों का दौरा किया गया है, जहाँ शिक्षकों की समर्पण भावना स्पष्ट रूप से देखने को मिली। कुल 20,000 स्कूलों में बुनियादी ढांचे का सर्वेक्षण किया गया है, जिसमें 8000 स्कूलों में चारदीवारी का निर्माण और 10,000 कक्षाओं का नवीनीकरण शामिल है।

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शिक्षकों और अभिभावकों के बीच संवाद
मंत्री ने “शिक्षकों के साथ संवाद” को पंजाब में शिक्षा प्रणाली के इतिहास में एक नया मील का पत्थर बताया। यह पहल सभी हितधारकों—शिक्षकों, प्रिंसिपलों और कैंपस प्रबंधकों—के बीच सीधा संपर्क स्थापित करेगी, जिससे शिक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए सामूहिक प्रयास किए जा सकेंगे।

इस संवाद श्रृंखला से उम्मीद की जा रही है कि यह न केवल शिक्षकों की समस्याओं को हल करेगा बल्कि छात्रों की शैक्षणिक प्रगति में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। मंत्री ने सभी शिक्षकों से अपील की कि वे 4 दिसंबर को होने वाली परख परीक्षा के लिए छात्रों को अच्छी तरह से तैयार करें।

हरजोत बैंस द्वारा शुरू की गई यह पहल न केवल सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर को सुधारने का प्रयास है, बल्कि यह विद्यार्थियों के आत्मविश्वास और गर्व की भावना को भी बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण कदम है।