केंद्र सरकार का बड़ा कदम: 59,000 व्हॉट्सएप अकाउंट और 1,700 स्काइप आईडी ब्लॉक

नई दिल्ली । राजवीर दीक्षित

(59,000 WhatsApp Accounts Blocked in Major Digital Fraud Crackdown) केंद्र सरकार ने डिजिटल धोखाधड़ी पर लगाम लगाने के लिए एक महत्वपूर्ण कार्रवाई की है, जिसमें गृह मंत्रालय के भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) ने 59,000 व्हॉट्सएप अकाउंट और 1,700 से अधिक स्काइप आईडी को ब्लॉक कर दिया है। यह जानकारी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बंडी संजय कुमार ने लोकसभा में दी। उन्होंने बताया कि यह कार्रवाई डिजिटल धोखाधड़ी की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर की गई है, जिससे लाखों लोगों को आर्थिक नुकसान हो रहा था।

साइबर धोखाधड़ी की रिपोर्टिंग प्रणाली का महत्व

गृह मंत्रालय द्वारा 2021 में स्थापित ‘नागरिक वित्तीय साइबर धोखाधड़ी रिपोर्टिंग और प्रबंधन प्रणाली’ ने अब तक 9.94 लाख से अधिक शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए 3,431 करोड़ रुपये की वित्तीय हानि को रोकने में मदद की है। कुमार ने कहा, “I4C ने डिजिटल धोखाधड़ी के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले अकाउंट्स की पहचान की है और उन्हें तुरंत ब्लॉक किया है।”

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सिम कार्डों पर भी कार्रवाई

सरकार ने 15 नवंबर, 2024 तक 6.69 लाख से अधिक सिम कार्ड भी ब्लॉक किए हैं। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, यह कदम साइबर अपराधों से निपटने के लिए उठाया गया है। केंद्र सरकार और दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (TSP) ने एक प्रणाली विकसित की है जो अंतरराष्ट्रीय स्पूफ कॉल्स की पहचान कर उन्हें ब्लॉक करती है।

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कुमार ने बताया कि हाल ही में साइबर अपराधियों द्वारा फर्जी डिजिटल गिरफ्तारियों और अन्य ठगी के मामलों में स्पूफ कॉल का इस्तेमाल किया जा रहा है। इन कॉल्स के माध्यम से जालसाज पुलिस या सरकारी अधिकारियों के रूप में लोगों को डराते हैं और उनसे पैसे वसूलते हैं।

साइबर धोखाधड़ी शमन केंद्र का गठन

I4C में एक अत्याधुनिक साइबर धोखाधड़ी शमन केंद्र (CFMC) भी स्थापित किया गया है, जहाँ प्रमुख बैंकों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के प्रतिनिधि मिलकर साइबर अपराधों से निपटने के लिए काम करते हैं। इसके अलावा, I4C ने साइबर अपराधियों की पहचान करने वालों के लिए एक संदिग्ध रजिस्ट्री भी शुरू की है।

नागरिकों को सावधान रहने की सलाह

सरकार ने नागरिकों से अपील की है कि वे साइबर धोखाधड़ी से बचने के लिए सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत साइबरक्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर दें। यह कदम न केवल डिजिटल सुरक्षा को मजबूत करेगा बल्कि नागरिकों को भी सुरक्षित रखने में मदद करेगा।