लेम्बोर्गिनी से भी तेज भागे तहसीलदार साहिब, 4 मिनट में तय किया 45 किलोमीटर का सफर और कर दी धड़ाधड़ रजिस्ट्रियां

चंडीगढ़ । राजवीर दीक्षित

(Punjab Tehsildar’s Swift Registrations Spark Outrage) दो सप्ताह पहले लुधियाना के पूर्वी तहसील के कार्यालय में बैठकर जगरांव की छह विवादित रजिस्ट्रियां करने वाले तहसीलदार रणजीत सिंह की स्पीड देखकर पंजाब सरकार भी हैरान है। रणजीत सिंह की यही स्पीड उसकी सस्पेंशन की भी वजह बन गई है।

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पंजाब सरकार के फाइनेंस विभाग के उच्च अधिकारी अनुराग वर्मा की और से जांच में साफ हो गया है कि तहसीलदार रणजीत सिंह ने अपने पद का दुरुपयोग किया है जिसके बाद तुरंत प्रभाव से उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है।

तहसीलदार रणजीत सिंह को अब जगरांव व लुधियाना पूर्वी कार्यालय से बदलकर धारकलां पठानकोट भेजा गया। वहां वे रोजाना एसडीएम कार्यालय में अपनी हाजिरी लगवाएंगे और रोजाना डीसी पठानकोट को उन्हें अपनी हाजिरी रिपोर्ट तक भेजनी होगी।

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चार मिनट में 45 किलोमीटर की दूरी तय

जानकारी के मुताबिक 17 जनवरी को तहसीलदार रणजीत सिंह की ओरसे जगरांव में छह रजिस्ट्रियां दर्ज करवाई गई थीं।

उन रजिस्ट्रियों में उन्होंने उपभोक्ता के साथ तस्वीरें 5.05 मिनट से लेकर 5.12 मिनट तक सात मिनट के भीतर करवाई।

वहीं लुधियाना पूर्वी कार्यालय में एक रजिस्ट्री तहसीलदार रणजीत सिंह की और 5.16 मिनट में की गई।

यानी तहसीलदार लुधियाना के पूर्वी कार्यालय से जगरांव तहसील कार्यालय की कुल 45 किलोमीटर की दूरी मात्र चार मिनट में ही तय कर गए।

ऐसे में वह पहले ऐसे तहसीलदार बने जिनकी स्पीड 500 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलने वाली दुनिया की सबसे तेज कार 300 किलोमीटर की रफ्तार से चलने वाली भारत की लेम्बोर्गिनी एवेंटाडोर एलपी अल्टीमा कार से भी ज्यादा है।

सरकार की ओर से भी जारी किए गए उनके सस्पेंशन आर्डर में इस बात का बकायदा जिक्र किया गया है।

सस्पेंशन आर्डर में साफ लिखा है कि लालच के चलते ही उन्होंने ऐसा काम किया है जिसके चलते उन्हें सस्पेंशन मिली है।

28 फरवरी को होना था रिटायर, जांच तक नहीं मिलेंगी सुविधाएं

जानकारी के मुताबिक तहसीलदार रणजीत सिंह को इसी माह 28 फरवरी को रिटायर किया जाना था।
पंजाब सरकार की ओर से सस्पेंशन आर्डर के साथ ही उनकी कई शिकायतों की जांच भी विजिलेंस विभाग करेगा। अगर वो दोषी पाए जाते हैं तो संभव है कि तहसीलदार की मुसीबतें और बढ़ जाएं।

हालांकि रिटायरमेंट के बाद सरकारी कर्मचारी को सरकार से मिलने वाली सुविधाएं फिलहाल तहसीलदार रणजीत सिंह को उस समय तक नहीं मिलेंगी जब तक उन पर चल रही जांच पूरी नहीं हो जाती।

तहसीलदार सस्पेंड, आरसी की विजिलेंस जांच शुरु

तहसीलदार रणजीत सिंह की सस्पेंशन के साथ ही सरकार की ओर से उनके आरसी मनप्रीत सिंह के कथित कारनामों की भी जांच शुरु कर दी गई है।

विजिलेंस की एक स्पेशल टीम की ओर से आरसी के संबंध में सारा रिकार्ड जुटाया जा रहा है।
छह रजिस्ट्रियां जो तहसीलदार रणजीत सिंह की ओर से की गई थी, वो आरसी मनप्रीत सिंह की ओर से ही चेक करके उस पर अपनी मोहर व हस्ताक्षर किए गए थे।

बिना देखे ही उन छह रजिस्ट्रियों पर मोहर लगाने व हस्ताक्षर करने वाले आरसी अब पूरी तरह शिकंजे में फंस चुके हैं।

वहीं छह रजिस्ट्रियां लिखने वाला डीड राइटर भी जल्द ही केस के दायरे में होगा।