1 अप्रैल 2025 से वित्तीय नियमों में बड़े बदलाव: निवेशकों और उपभोक्ताओं पर असर

नई दिल्ली। राजवीर दीक्षित
(Major Financial Changes from April 1, 2025: Impact on Tax, Investments & Transactions)नए वित्तीय वर्ष 2025-26 की शुरुआत 1 अप्रैल से हो रही है, और इसके साथ ही म्युचुअल फंड, क्रेडिट कार्ड, यूपीआई ट्रांजैक्शन, इनकम टैक्स और जीएसटी से जुड़े कई नियम बदलने जा रहे हैं। इन परिवर्तनों का प्रभाव आम जनता, निवेशकों और व्यवसायों पर पड़ेगा। आइए जानते हैं इन प्रमुख बदलावों के बारे में:

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म्युचुअल फंड के नए नियम

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने म्युचुअल फंड से जुड़े कुछ नए नियम लागू किए हैं:

नए फंड ऑफर (NFO) के तहत जुटाई गई राशि को अब 30 बिजनेस दिनों के भीतर निवेश करना अनिवार्य होगा।

यदि किसी एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) को 30 दिनों में निवेश करने में कठिनाई होती है, तो उसे 30 दिन का अतिरिक्त समय मिल सकता है।

60 दिनों के भीतर भी निवेश नहीं होने पर कंपनी को नए निवेश लेने से रोक दिया जाएगा और निवेशकों को बिना किसी पेनल्टी के एग्जिट की अनुमति मिलेगी।

SEBI ने स्पेशलाइज्ड इन्वेस्टमेंट फंड्स नामक एक नई कैटेगरी शुरू की है, जिसमें निवेश के लिए न्यूनतम 10 लाख रुपये की आवश्यकता होगी। केवल वही AMC इसे लॉन्च कर सकती हैं, जिनका औसत एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) पिछले तीन वर्षों में 10,000 करोड़ रुपये से अधिक रहा हो।

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डिजिलॉकर की सुविधा

1 अप्रैल से निवेशक अपने डीमैट और म्युचुअल फंड होल्डिंग स्टेटमेंट्स को डिजिलॉकर में डिजिटल रूप से स्टोर और एक्सेस कर सकेंगे।

इससे अनक्लेम्ड एसेट्स की समस्या कम होगी और नॉमिनी को एसेट्स एक्सेस करना आसान होगा।

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नए इनकम टैक्स स्लैब

सरकार ने नए टैक्स स्लैब लागू किए हैं, जिससे मिडिल क्लास करदाताओं को बड़ी राहत मिलेगी। नए स्लैब इस प्रकार हैं:

4 लाख तक की आय – कोई टैक्स नहीं

4 लाख से 8 लाख तक – 5%

8 लाख से 12 लाख तक – 10%

12 लाख से 16 लाख तक – 15%

16 लाख से 20 लाख तक – 20%

20 लाख से 24 लाख तक – 25%

24 लाख से अधिक – 30%

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जीएसटी और ई-इनवॉइसिंग के नए नियम

अब 10 करोड़ या उससे अधिक सालाना कारोबार वाले व्यवसायों को 30 दिनों के भीतर इनवॉइस अपलोड करना अनिवार्य होगा।

पहले यह नियम केवल 100 करोड़ या उससे अधिक कारोबार वाले व्यवसायों पर लागू था।

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यूपीआई ट्रांजैक्शन में बदलाव

राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने बैंकों और पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स को निर्देश दिया है कि वे 31 मार्च 2025 तक अपने डेटाबेस को अपडेट कर लें।

बंद या रिसाइकल किए गए मोबाइल नंबरों को हटाने के निर्देश दिए गए हैं।

यदि आपका मोबाइल नंबर बंद हो गया है, तो आपका बैंक और यूपीआई ऐप इसे अपने रिकॉर्ड से हटा सकता है, जिससे यूपीआई सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं।

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टीडीएस छूट में बदलाव

लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम के तहत विदेश में पढ़ रहे बच्चों की फीस या अन्य खर्चों के लिए अब 10 लाख रुपये तक भेजने पर कोई टीडीएस नहीं लगेगा।

पहले 7 लाख रुपये से अधिक की राशि पर 5% टीडीएस देना पड़ता था।

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क्रेडिट कार्ड नियमों में बदलाव

एसबीआई सिंपली क्लिक क्रेडिट कार्ड: स्विगी पर रिवॉर्ड पॉइंट्स 10X से घटकर 5X हो जाएंगे। मिन्त्रा, बुकमायशो और अपोलो 24 पर 10X रिवॉर्ड पॉइंट्स मिलते रहेंगे।

एयर इंडिया एसबीआई प्लेटिनम क्रेडिट कार्ड: एयर इंडिया टिकट बुकिंग पर मिलने वाले रिवॉर्ड पॉइंट्स 15% से घटकर 5% प्रति 100 रुपये खर्च हो जाएंगे।

आईडीबीआई फर्स्ट बैंक क्लब विस्तारा क्रेडिट कार्ड: अब कोई नया माइलस्टोन बेनिफिट नहीं मिलेगा।

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यूनिफाइड पेंशन स्कीम लागू होगी

1 अप्रैल 2025 से राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के तहत यूनिफाइड पेंशन स्कीम लागू की जाएगी।

जिन सरकारी कर्मचारियों की सेवा कम से कम 25 वर्ष हो चुकी है, उन्हें पिछले 12 महीनों की औसत बेसिक सैलरी का 50% पेंशन के रूप में मिलेगा।

1 अप्रैल 2025 से लागू होने वाले ये बदलाव निवेशकों, करदाताओं और उपभोक्ताओं को सीधे प्रभावित करेंगे। खासतौर पर टैक्स स्लैब में वृद्धि, म्युचुअल फंड नियमों में बदलाव, यूपीआई सेवाओं की निगरानी और क्रेडिट कार्ड रिवॉर्ड पॉइंट्स में संशोधन का असर व्यापक होगा। इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि लोग इन नए नियमों के बारे में पूरी जानकारी रखें और अपनी वित्तीय योजनाओं को तदनुसार अपडेट करें।