पंजाब में यहां प्रीगैबलिन दवा पर बैन: खुली बिक्री पर रोक, 75 mg से अधिक फॉर्मूलेशन पर पाबंदी

अमृतसर । राजवीर दीक्षित

(Bans Sale of Pregabalin: Concerns Over Increasing Abuse) प्रीगैबलिन दवा के दुरुपयोग को लेकर पंजाब के अमृतसर जिले में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। डी.सी. घनशान थोरी ने प्रीगैबलिन की खुली बिक्री पर पूरी तरह से रोक लगा दी है।

उनके अनुसार, इस दवा का गलत उपयोग बढ़ रहा है और लोग इसके आदी हो रहे हैं, जिसके कारण इसे बैन किया गया है। इस दवा की 75 mg से अधिक फॉर्मूलेशन की बिक्री और भंडारण पर भी पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई है।

डी.सी. घनशान थोरी ने कहा कि प्रीगैबलिन को मादक पदार्थों के रूप में अधिसूचित नहीं किया गया है, लेकिन इसके दुरुपयोग को देखते हुए इसका नियंत्रण आवश्यक हो गया है।

इसके साथ ही, अब इस दवा को डॉक्टर की प्रिस्क्रिप्शन के साथ ही बेचा जा सकेगा और इसके बिक्री का पूरा रिकॉर्ड रखा जाएगा।

उन्होंने बताया कि लोग अक्सर 150 mg और 300 mg की गोलियों और कैप्सूलों का गलत उपयोग कर रहे हैं, जबकि डॉक्टर सामान्यतः 75 mg की ही प्रिस्क्राइब करते हैं।

प्रीगैबलिन दवा का उपयोग और सावधानियां

प्रीगैबलिन मुख्य रूप से नसों के दर्द के इलाज के लिए प्रयोग की जाती है। इसे मिर्गी से पीड़ित लोगों में दौरे को नियंत्रित करने और रोकने के लिए भी उपयोग किया जाता है।

यह दवा अति सक्रिय नसों को शांत करने का काम करती है और मिर्गी को ठीक नहीं करती, बल्कि केवल दौरे को नियंत्रित करती है।

इस दवा का लगातार सेवन करने से इसकी आदत हो सकती है और इसके बिना डॉक्टर की सलाह के उपयोग से स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

इसके उपयोग से धुंधला दिखना, चक्कर आना, उनींदापन और सोचने में परेशानी जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

अमृतसर में प्रीगैबलिन की बिक्री पर लगी रोक के बाद, इसकी उचित उपयोग और नियंत्रण को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है।