बेल्जियम की अदालत का फैसला: मेहुल चौकसी को भारत में मिलेगा निष्पक्ष मुकदमा, प्रत्यर्पण पर लगी कानूनी मुहर

द टारगेट न्यूज डेस्क

(Belgian Court Clears Extradition: Mehul Choksi to Get Fair Trial in India)बेल्जियम की अदालत ने भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चौकसी के भारत प्रत्यर्पण के रास्ते में आई कानूनी बाधाओं को दूर करते हुए कहा है कि प्रत्यर्पण के बाद उसे निष्पक्ष मुकदमे से वंचित होने या अमानवीय व्यवहार का कोई वास्तविक खतरा नहीं है। अदालत ने साफ किया कि चौकसी अपने दावों को साबित करने में विफल रहा है और भारत की न्याय व्यवस्था पर सवाल उठाने के उसके तर्क निराधार हैं।

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एंटवर्प की कोर्ट ऑफ अपील्स ने 17 अक्टूबर को अपने आदेश में निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखते हुए कहा कि मुंबई की विशेष अदालत द्वारा 2018 और 2021 में जारी गिरफ्तारी वारंट वैध और लागू हैं। हालांकि, सबूत गायब करने से जुड़े तीसरे वारंट को कोर्ट ने स्वीकार नहीं किया।

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अदालत ने चौकसी द्वारा दिए गए दस्तावेजों को “अपर्याप्त” बताया और कहा कि इनमें यह साबित नहीं होता कि वह राजनीतिक या व्यक्तिगत प्रतिशोध का शिकार है। कोर्ट ने यह भी कहा कि भारत सरकार ने प्रत्यर्पण के बाद सुरक्षित और मानवीय व्यवहार का भरोसा दिया है।

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भारत ने बेल्जियम अधिकारियों को जानकारी दी है कि चौकसी को मुंबई की आर्थर रोड जेल की बैरक नंबर 12 में रखा जाएगा, जहां सभी बुनियादी सुविधाएं और यूरोपीय मानकों के अनुरूप स्थान उपलब्ध है।
यह फैसला भारत के लिए एक बड़ी कानूनी जीत मानी जा रही है। 13,000 करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक घोटाले में आरोपी मेहुल चौकसी इस समय एंटवर्प जेल में बंद है। उसके कई जमानत आवेदन पहले ही खारिज किए जा चुके हैं।

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चौकसी अब बेल्जियम के सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकता है, लेकिन यह फैसला भारत की प्रत्यर्पण प्रक्रिया के लिए एक निर्णायक कदम साबित हुआ है — जिससे भगोड़े आर्थिक अपराधियों के खिलाफ भारत की कानूनी स्थिति और मजबूत हुई है