भाखड़ा डैम से छोड़ा गया अधिक पानी,पोंग डैम क्षमता पूरी होने पर खतरा बढ़ा,बन गए यह हालत,जाने सारी जानकारी।

चंडीगढ़ । राजवीर दीक्षित

(Excess Water Released from Bhakra Dam as Pong Reaches Full Capacity)भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) गुरुवार दोपहर से भाखड़ा डैम से 10,000 क्यूसेक पानी और छोड़ रहा है। इसके साथ ही डैम से पानी का बहाव 75,000 क्यूसेक से बढ़ाकर 85,000 क्यूसेक कर दिया गया है। यह कदम तब उठाया गया है जब भाखड़ा डैम का जलस्तर बढ़कर 1,678.97 फीट तक पहुंच गया है, जो अधिकतम तय सीमा 1,680 फीट से सिर्फ एक फीट कम है। हालांकि भाखड़ा की अधिकतम भंडारण क्षमता 1,985 फीट तक है, लेकिन 1988 की बाढ़ के बाद इसे 1,680 फीट तक सीमित कर दिया गया था।

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गुरुवार सुबह 6 बजे डैम में पानी का आगमन (इनफ्लो) 95,435 क्यूसेक था, जबकि बहाव (आउटफ्लो) 75,000 क्यूसेक था। लगातार बढ़ते जलप्रवाह और डैम की क्षमता भर जाने के कारण BBMB ने रूपनगर प्रशासन को सूचित किया है कि दोपहर तक 85,000 क्यूसेक पानी छोड़ा जाएगा। इसमें से लगभग 70,000 क्यूसेक पानी सतलुज नदी में छोड़ा जाएगा, जबकि शेष 15,000 क्यूसेक नंगल हाइडल और आनंदपुर साहिब हाइडल नहरों में डाला जाएगा।

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इसी तरह पोंग डैम का जलस्तर भी तेजी से बढ़ रहा है। यह 1,394.51 फीट तक पहुंच गया है, जो तय सीमा 1,390 फीट से 4 फीट ज्यादा है। यहां पानी का आगमन 1,32,595 क्यूसेक दर्ज किया गया, जबकि बहाव को 91,167 क्यूसेक तक सीमित रखा गया। पोंग डैम की अधिकतम क्षमता पहले 1,400 फीट थी, लेकिन 1988 की बाढ़ के बाद इसे 1,390 फीट कर दिया गया।

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रूपनगर के उपायुक्त वरजीत वालिया ने बताया कि नंगल और आनंदपुर साहिब उप-मंडलों के सतलुज नदी बेसिन में निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित ऊंचे स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है क्योंकि बढ़ता पानी उनकी बस्तियों तक पहुंच सकता है। एनडीआरएफ की टीमें नंगल और आनंदपुर साहिब में तैनात कर दी गई हैं ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके।

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उन्होंने कहा कि सतलुज की सहायक नदियों—स्वां और सिरसा—का जलस्तर घटा है, इसलिए रूपनगर हेडवर्क्स से सतलुज में छोड़े जाने वाला पानी लगभग 1 लाख क्यूसेक पर ही स्थिर रहेगा। इस कारण नीचे की ओर रहने वाले लोगों को घबराने की आवश्यकता नहीं है, स्थिति नियंत्रण में है।

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रणजीत सागर डैम से भी पानी का बहाव बुधवार शाम के 49,172 क्यूसेक से बढ़ाकर 70,417 क्यूसेक कर दिया गया है। यहां जलाशय का जलस्तर 526.97 मीटर तक पहुंच गया है, जो खतरे के निशान 527.91 मीटर के करीब है।

हालांकि गुरुवार को पंजाब में बारिश छिटपुट रही, लेकिन पानी के अधिक बहाव से बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। सतलुज और ब्यास के किनारे स्थित रूपनगर, जालंधर, कपूरथला, लुधियाना, फिरोजपुर और फाजिल्का जिलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
जानकारी के अनुसार, घग्गर नदी का जलस्तर भांकरपुर, सराला, खनौरी और सरदूलगढ़ में बहुत ऊंचा बना हुआ है।