रूपनगर में कांग्रेस जिला अध्यक्ष पद के लिए सियासी हलचल तेज, जाने कौन है आधा दर्जन उम्मीदवार मैदान में! घोषणा किसी भी वक्त। राणा-ढिल्लों की साख दांव पर।

चंडीगढ़ । रूपनगर । राजवीर दीक्षित

(Political Turmoil in Rupnagar: Race for Congress District President Heats Up) पंजाब के रूपनगर में कांग्रेस के जिला अध्यक्ष पद के लिए जोड़-तोड़ की राजनीति अपने चरम पर है। इस पद को हासिल करने की दौड़ में आधा दर्जन उम्मीदवार सक्रिय हो चुके हैं। पिछले जिला प्रधान सतविंदर सिंह चैड़ियां के आकस्मिक निधन के बाद से यह पद खाली पड़ा है, और अब इसे भरने के लिए जोरदार सियासी खींचतान शुरू हो गई है।

प्रमुख उम्मीदवारों की सूची: जिला प्रधान बनने की होड़ में जिन प्रमुख नामों की चर्चा हो रही है, उनमें कारोबारी परवेज़ सोनी, अश्वनी शर्मा, मेवा सिंह, डॉक्टर अच्छर शर्मा, इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट रूपनगर के पूर्व चेयरमैन सुखविंदर सिंह व्हिस्की, नंगल ब्लॉक कांग्रेस के पूर्व प्रधान और ऐडवोकेट परमजीत सिंह पम्मा, और नंगल नगर कौंसिल के चेयरमैन संजय साहनी शामिल हैं।

सियासी खींचतान में दो गुट: रूपनगर में कांग्रेस की जिला प्रधानगी के लिए दो प्रमुख गुट सामने आ रहे हैं। एक गुट का नेतृत्व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बरिंदर सिंह ढिल्लों कर रहे हैं, जबकि दूसरा गुट पूर्व विधानसभा स्पीकर के पी एस राणा के समर्थन में खड़ा है। दोनों गुट अपने-अपने उम्मीदवार को जिला प्रधान बनाने के लिए पुरजोर कोशिश कर रहे हैं। यह प्रधानगी दोनों दिग्गज नेताओं के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन चुकी है।

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हाईकमान की निर्णायक भूमिका: कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा सभी संभावित उम्मीदवारों की योग्यता और अनुभव के आधार पर एक सूची तैयार की गई है। इस सूची को अंतिम रूप देने में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विजय इंद्र सिंगला की राय को भी काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, सिंगला की राय इस नियुक्ति में निर्णायक साबित हो सकती है।

लोकसभा चुनाव और गुटबाजी: पिछले लोकसभा चुनावों में विजय इंद्र सिंगला की हार ने कांग्रेस में कई सवाल खड़े किए थे। श्री आनंदपुर साहिब सीट से मामूली वोटों से हार का सामना करने वाले सिंगला को विधानसभा क्षेत्र से उम्मीद के मुताबिक समर्थन नहीं मिल पाया था, जो कांग्रेस का गढ़ माना जाता था। इस हार के बाद कांग्रेस के भीतर एक वरिष्ठ नेता ने अपने समर्थक को जिला प्रधान बनाने का आश्वासन दिया है, जिससे पार्टी में नई गुटबाजी की संभावनाएं उभर रही हैं।

पंचायत चुनावों पर प्रभाव: आगामी पंचायत चुनावों को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस पार्टी जिला प्रधानगी के इस चुनाव को बहुत गंभीरता से ले रही है। पार्टी को उम्मीद है कि एक नया चेहरा, जो जनता के बीच लोकप्रिय हो, उसे जिला प्रधान बनाकर पार्टी की स्थिति को मजबूत किया जा सकता है। इस बार कांग्रेस हाईकमान द्वारा नए चेहरों को मौका देने पर भी विचार किया जा रहा है, ताकि पार्टी में नई ऊर्जा का संचार हो सके।

जोड़-तोड़ और कयासों का दौर: जिला प्रधान बनने के लिए चल रही इस जोड़-तोड़ में कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस पद पर किसे नियुक्त किया जाएगा, यह न केवल कांग्रेस के आंतरिक समीकरणों को प्रभावित करेगा, बल्कि प्रदेश स्तर पर पार्टी की भविष्य की रणनीति का भी संकेत देगा। कांग्रेस के दो बड़े नेताओं, बरिंदर सिंह ढिल्लों और के पी एस राणा के बीच कद का मुकाबला इस नियुक्ति से सीधे जुड़ा है।

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आखिरी फैसला जल्द: सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस पार्टी अगले एक सप्ताह के भीतर रूपनगर जिला प्रधान का नाम घोषित कर सकती है। पार्टी इस बार नए और युवा चेहरों को भी मौका देने के बारे में गंभीरता से विचार कर रही है, ताकि जिला स्तर पर संगठन को पुनर्गठित किया जा सके और पंचायत चुनावों में इसका सकारात्मक प्रभाव दिख सके।

निष्कर्ष: रूपनगर कांग्रेस जिला प्रधान की नियुक्ति केवल एक संगठनात्मक बदलाव नहीं है, बल्कि यह पार्टी के भीतर शक्ति संतुलन और राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं का प्रतीक बन चुका है। जैसे-जैसे नाम की घोषणा नजदीक आ रही है, राजनीतिक हलचल और तेज होती जा रही है। नए जिला प्रधान का चयन कांग्रेस की आगामी रणनीति के लिए अहम साबित होगा, क्योंकि यह नियुक्ति पार्टी के भीतर गुटीय संघर्ष को भी नया रूप दे सकती है।

राजनीतिक समीकरणों पर निगाह: जिला रूपनगर में कांग्रेस के नए जिला प्रधान के नाम के साथ ही प्रदेश स्तर पर कांग्रेस की रणनीति और संगठनात्मक ढांचे में भी बदलाव की संभावना जताई जा रही है। नए प्रधान के चयन के बाद रूपनगर की राजनीति में नए समीकरण उभर सकते हैं, जो पंचायत चुनावों में कांग्रेस की सफलता के लिए निर्णायक हो सकते हैं।

जनता की उम्मीदें और पार्टी का भविष्य: पार्टी के भीतर जारी इस सियासी खींचतान के बीच, जनता के बीच एक मजबूत नेतृत्व की मांग उठ रही है, जो कांग्रेस को न केवल जिला स्तर पर, बल्कि प्रदेश स्तर पर भी मजबूती प्रदान कर सके। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस हाईकमान इस दौड़ में किसे विजयी बनाता है और रूपनगर की राजनीति में क्या नया मोड़ आता है।
कुल मिला कर जिला रूपनगर में कांग्रेस के नए प्रधान का चयन पार्टी के भीतर शक्ति संतुलन और आगामी चुनावी रणनीतियों को प्रभावित करने वाला है। इस सियासी उठापटक के बीच, कौन बनेगा नया जिला प्रधान, इसका इंतजार पूरे प्रदेश को है।