नई दिल्ली । राजवीर दीक्षित
(Lawrence Bishnoi Jail Interview Scandal) जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के इंटरव्यू मामले में DSP को सेवा से बर्खास्त करने का फैसला किया है। पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय को यह सूचना दे दी गई।
सुनवाई के दौरान पंजाब के महाधिवक्ता गुरमिंदर सिंह ने न्यायमूर्ति अनुपिंदर सिंह ग्रेवाल और न्यायमूर्ति लपिता बनर्जी की खंडपीठ के सामने तर्क रखे। उन्होंने कहा कि मामले को गंभीरता से लेते हुए पंजाब सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 311(2) के तहत शक्तियों का प्रयोग करते हुए पुलिस उपाधीक्षक गुरशेर सिंह को बर्खास्त करने का फैसला किया है।
➡️ Video: डिप्टी CM के ब्यान पर आप क्या कहना चाहेंगे।
अदालत को बताया गया कि इस संबंध में आगे की कार्रवाई के लिए पंजाब लोक सेवा आयोग को सिफारिश की गई है। महाधिवक्ता ने विशेष पुलिस महानिदेशक प्रबोध कुमार के नेतृत्व वाली विशेष जांच टीम (SIT) की रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें बिश्नोई का साक्षात्कार कराने में कुछ पुलिस अधिकारियों की मिलीभगत का संकेत दिया गया था।
उन्होंने यह भी कहा कि मोहाली जिले से बाहर तैनात वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ अखिल भारतीय सेवा नियमों के नियम 10 के तहत विभागीय स्तर पर कार्रवाई शुरू की गई है।
➡️ Video: हाथ मे सविधान पकड़ संसद में गर्म हो गए अनुराग ठाकुर।
जेल के भीतर से लॉरेंस बिश्नोई के 2 इंटरव्यू
गुरमिंदर सिंह ने कहा कि वह अगली तारीख पर अदालत को सीलबंद लिफाफे में उन प्रस्तावित नामों की सूची सौंपेंगे, जो विभागीय जांच करेंगे।
अदालत पंजाब में जेल परिसरों में कैदियों की ओर से मोबाइल फोन के इस्तेमाल से संबंधित मामले की स्वत: संज्ञान लेते हुए सुनवाई कर रही थी। पिछले साल मार्च में एक निजी समाचार चैनल ने लॉरेंस बिश्नोई के 2 साक्षात्कार प्रसारित किए थे।
यह इंटरव्यू 2022 में तीन-चार सितंबर की मध्यरात्रि को खरड़ स्थित अपराध जांच एजेंसी (CIA) परिसर में किया गया, जो मोहाली में एसएएस नगर के अधिकार क्षेत्र में आता है। दूसरा साक्षात्कार उस समय किया गया जब गैंगस्टर जयपुर की सेंट्रल जेल में बंद था।