Wah, Germany @ Punjab: मंत्री हरजोत बैंस ने वह कर दिखाया जो अब से पहले कोई नही कर पाया, विदेश से अब प्रदेश के स्कूलों में क्या लाने के लिए जर्मनी पहुंचे कैबिनेट मंत्री, जाने सारी जानकारी

चंडीगढ़ । राजवीर दीक्षित

“Punjab to Open 250 Sports Nurseries as Part of New Sports Policy Initiative” ‘कौन कहता है आसमा में छेद हो नही सकता,एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो’ जी हां कुछ इन शब्दों के साथ पंजाब के कैबिनेट मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने वह कर दिखाया है जो आज से पहले प्रदेश की शिक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए कोई नही कर पाया है।

शिक्षा मंत्रालय ने पंजाब के स्कूलों में फुटबॉल खिलाड़ी तैयार करने की तैयारी कर ली है। इसके लिए सरकार आने वाले दिनों में DFB (जर्मनी के आधिकारिक फुटबॉल बोर्ड) के साथ साझेदारी करने जा रही है।

शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस जर्मनी पहुंच गए हैं। जहां वे कुछ दिन रुककर सभी स्थितियों का जायजा लेंगे। इसके बाद आगे की रणनीति बनाई जाएगी। उन्होंने खुद अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर इससे संबंधित पोस्ट करके यह जानकारी साझा की है। ‘द टारगेट न्यूज’ से खास बातचीत में उन्होंने बताया है कि वह पंजाब के स्कूलों में वह सब कुछ लाने को यत्नशील है जिसकी मिसाल देश दुनिया मे होगी।

बाकायदा शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस द्वारा सोशल मीडिया अकाउंट पर की गई पोस्ट में लिखा है कि मैं अगले तीन दिनों तक जर्मनी में रहूंगा। मैं हमारे स्कूलों में फुटबॉल को बढ़ावा देने के लिए DFB (जर्मनी के आधिकारिक फुटबॉल बोर्ड) के साथ साझेदारी करने के लिए उत्सुक हूं। मैं पंजाब में कौशल बढ़ाने के अवसरों का पता लगाने के लिए तकनीकी विश्वविद्यालयों का भी दौरा करूंगा। जिस पर आगे काम किया जा सके।

आपको बता दे मान सरकार का ध्यान अब खेलों पर है। पिछले साल के अंत में पंजाब की खेल नीति जारी की गई थी। इसमें खिलाड़ियों को कई सुविधाएं देने का वादा किया गया था। अब सरकार पंजाब भर में 250 खेल नर्सरियां खोलने जा रही है। इसके लिए रखे जाने वाले कोचों के फिजिकल फिटनेस ट्रायल चल रहे हैं।

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उम्मीद है कि इस महीने के अंत तक खेल नर्सरी भी शुरू हो जाएगी। सरकार को उम्मीद है कि इससे नशे की लत में फंसे युवाओं का ध्यान खेलों की ओर जाएगा। याद रहे कि इससे पहले पंजाब के स्कूलों के प्रिंसिपलों को शिक्षा विभाग की और से सिंगापुर से ट्रेनिंग दिलवाई गई थी। हरजोत सिंह बैंस के जर्मनी दौरे को एक सार्थक प्रयास के तौर पर भी देखा जा रहा है। जिसकी सोशल मीडिया पर काफी प्रशंसा भी हो रही है।