चंडीगढ़। राजवीर दीक्षित
(Fortis Mohali Performs First Cadaveric Dual Kidney Transplant, Gives New Life to 62-Year-Old)फोर्टिस हॉस्पिटल, मोहाली के रीनल साइंसेज विभाग ने अपने पहले मृत दाता (कैडेवर) ड्यूल किडनी ट्रांसप्लांट को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। इस प्रक्रिया में 73 वर्षीय मृत दाता की दोनों किडनियां 62 वर्षीय क्रोनिक किडनी डिजीज से पीड़ित मरीज में प्रत्यारोपित की गईं। यह फोर्टिस मोहाली में किया गया पहला कैडेवर ऑर्गन डोनेशन मामला है।
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मृत दाता का परिवार बना प्रेरणा स्रोत
73 वर्षीय मृतक मरीज को गंभीर हेमोरैजिक स्ट्रोक के कारण फोर्टिस मोहाली लाया गया था। इलाज के दौरान पांच दिनों बाद उन्हें ब्रेन डेड घोषित किया गया। परिवार ने मानवता की मिसाल पेश करते हुए अंग दान की अनुमति दी, जिससे एक गंभीर रूप से बीमार मरीज को नया जीवन मिल सका।
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ऑर्गन ट्रांसप्लांट की जटिल प्रक्रिया
मृतक अंग दान (कैडेवर ऑर्गन डोनेशन) एक कठिन और संवेदनशील प्रक्रिया होती है, जिसमें मरीज को ब्रेन डेड घोषित करना आवश्यक होता है। फोर्टिस मोहाली के विशेषज्ञ डॉक्टरों और पंजाब राज्य के प्रतिनिधि डॉ. अर्शदीप सिंह (डॉ. बी.आर. अंबेडकर स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, मोहाली) की देखरेख में ब्रेन डेथ कमेटी का गठन किया गया, जिसने आवश्यक प्रक्रियाओं का पालन किया।
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सफल ट्रांसप्लांट और मरीज की नई शुरुआत
62 वर्षीय मरीज पिछले पांच वर्षों से क्रोनिक किडनी डिजीज से जूझ रहे थे और नौ महीनों से डायलिसिस पर निर्भर थे। ट्रांसप्लांट सर्जरी की टीम में डॉ. अन्ना गुप्ता, डॉ. साहिल रैली और डॉ. मिलिंद मंडवार शामिल थे। सफल सर्जरी के बाद मरीज को डायलिसिस से मुक्त कर दिया गया और अब वह सामान्य जीवन जी रहे हैं।
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डॉक्टरों की अपील: अंग दान को दें बढ़ावा
फोर्टिस मोहाली के डॉक्टरों ने बताया कि हर साल चार लाख से अधिक मरीज अंगों की कमी के कारण दम तोड़ देते हैं। डॉक्टरों ने लोगों से आग्रह किया कि वे अंग दान के प्रति जागरूकता बढ़ाएं और जरूरतमंदों की जिंदगी बचाने के लिए इस अभियान का हिस्सा बनें।
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नेत्रदान भी बना उम्मीद की किरण
मृतक मरीज की आंखों को पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ में सुरक्षित रखा गया है, जिससे अन्य जरूरतमंदों को दृष्टि मिल सकेगी।
फोर्टिस मोहाली का यह उपलब्धि अंग दान और प्रत्यारोपण क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है और इससे कई मरीजों को जीवनदान मिलने की उम्मीद बढ़ी है।
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यह समाचार विवरण फोर्टिस मोहाली के इस ऐतिहासिक मेडिकल उपलब्धि को प्रभावी रूप से प्रस्तुत करता है। यदि आप इसमें कोई संशोधन या अतिरिक्त जानकारी जोड़ना चाहते हैं, तो मुझे बताएं!