नई दिल्ली। राजवीर दीक्षित
(Govt Rules Out GST on UPI Transactions Above ₹2,000)वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि सरकार 2,000 रुपये से अधिक के UPI लेन-देन पर GST लगाने के बारे में कोई विचार नहीं कर रही है। मंत्रालय ने कुछ मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज करते हुए कहा कि यह जानकारी पूरी तरह से गलत और बिना किसी आधार के है।
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वित्त मंत्रालय ने कहा, “वर्तमान में सरकार के पास ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है।” यह बयान उन रिपोर्ट्स के संदर्भ में आया था, जिनमें दावा किया गया था कि सरकार UPI लेन-देन पर GST लगाने पर विचार कर रही है।
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सरकार ने यह भी बताया कि GST मुख्य रूप से मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) जैसे शुल्कों पर लागू होता है, जो कुछ भुगतान उपकरणों के माध्यम से किए गए भुगतानों पर होता है। हालांकि, 2020 से CBDT ने P2M (व्यक्ति से व्यापारी) UPI लेन-देन पर MDR हटा दिया है, और चूंकि UPI पर कोई MDR नहीं है, इसलिए GST भी लागू नहीं होता।
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मंत्रालय ने UPI के बढ़ते लेन-देन के आंकड़े भी साझा किए, जो FY 2019-20 में 21.3 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर मार्च 2025 तक 260.56 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है।
सरकार की डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्धता को उजागर करते हुए मंत्रालय ने बताया कि FY 2021-22 से एक प्रोत्साहन योजना लागू की गई है, जिसका उद्देश्य छोटे व्यापारियों को राहत देना और डिजिटल भुगतान में नवाचार को बढ़ावा देना है। इस योजना के तहत 2023-24 में 3,631 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया।
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मंत्रालय ने कहा, “इस योजना के तहत किए गए कुल भुगतान सरकार की UPI-आधारित डिजिटल भुगतानों को बढ़ावा देने की निरंतर प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।”