नई दिल्ली। राजवीर दीक्षित
(GST Reforms to Simplify Rates, Boost Ease of Living) 79वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) में बड़े सुधारों की घोषणा की। उन्होंने कहा कि ये सुधार किसानों, मध्यम वर्ग और एमएसएमई सेक्टर को राहत देंगे। सरकार का लक्ष्य संरचनात्मक बदलाव, दरों का तार्किककरण और लोगों के जीवन को आसान बनाना है, जिससे ‘आत्मनिर्भर भारत’ का सपना साकार हो सके।
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आधिकारिक जानकारी के अनुसार, सुधारों के तहत वर्गीकरण विवादों को कम करना, उलटी शुल्क संरचना को दुरुस्त करना और दरों में स्थिरता लाना प्रमुख उद्देश्य है। उलटी शुल्क संरचना में सुधार से इनपुट और आउटपुट टैक्स रेट एकसमान होंगे, जिससे इनपुट टैक्स क्रेडिट का बोझ घटेगा और घरेलू उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा।
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सरकार आवश्यक और आकांक्षी वस्तुओं पर टैक्स कम करने की योजना बना रही है, ताकि ये अधिक सस्ती हों और खपत बढ़ सके। दर संरचना को सरल करते हुए केवल दो स्लैब रहेंगे — एक मानक दर और एक योग्यता-आधारित दर। विशेष दर केवल चुनिंदा वस्तुओं पर ही लागू होगी।
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मुआवजा उपकर समाप्त होने से टैक्स दरों को स्थायी और संतुलित बनाने में सरकार को अधिक लचीलापन मिला है। छोटे कारोबारियों और स्टार्टअप्स के लिए जीएसटी पंजीकरण को पूरी तरह डिजिटल और समयबद्ध बनाने की योजना है। साथ ही, पूर्व-भरे रिटर्न लागू कर मैनुअल त्रुटियों और असंगतियों को खत्म किया जाएगा। रिफंड प्रक्रिया को तेज और स्वचालित किया जाएगा, विशेषकर निर्यातकों और उलटी शुल्क संरचना से प्रभावित करदाताओं के लिए।
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केंद्र सरकार ने जीएसटी दर सुधार और तार्किककरण के प्रस्ताव को जीएसटी परिषद के मंत्रियों के समूह (GoM) को भेज दिया है। उम्मीद है कि ये सुधार न केवल कर ढांचे को सरल बनाएंगे, बल्कि उद्योग जगत का भरोसा भी बढ़ाएंगे और दीर्घकालिक आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करेंगे।