चंडीगढ़ । राजवीर दीक्षित
(Haryana Government Cracks Down on Corruption) हरियाणा में अब एक भी भ्रष्टाचारी की खैर नहीं है। अब सरकार ने इनको लेकर कमर कस ली है और इन पर सख्त एक्शन लेने की तैयारी कर रही है।
जानकारी के अनुसार, कोरोना काल में हुए रजिस्ट्री घोटाले की फाइल फिर खोलने की तैयारी है। भ्रष्ट पटवारियों की सूची तैयार होने के बाद अब नायब तहसीलदारों, तहसीलदारों, कानूनगो और लेखा परीक्षकों (आडिटर्स) के खिलाफ शिकायतों की जांच की जा रही है, जिन पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं।
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राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से यह भी पता लगाया जा रहा है कि क्या इनके नाम उन दागी राजस्व अधिकारियों की सूची में हैं, जो रजिस्ट्री घोटाले में फंसे हैं।
कोरोना काल में हुए रजिस्ट्री घोटाले की जांच के लिए गठित विशेष जांच समिति की रिपोर्ट पर सरकार ने 34 तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों के अलावा कानूनगो, लेखा परीक्षकों, रजिस्ट्री क्लर्कों और पटवारियों सहित 232 राजस्व अधिकारियों को राजस्व रिकार्ड में हेरफेर करने के लिए दोषी ठहराया था।
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पटवारियों के खिलाफ कार्रवाई के बाद सरकार भ्रष्ट राजस्व अधिकारियों की पहचान करने के लिए फाइलों और अन्य रिकॉर्ड यथा सीएम विंडो, लंबित शिकायतें, भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो और अन्य इंटरनल विजिलेंस एजेंसियों द्वारा दी गई स्रोत रिपोर्ट की फिर से जांच करने पर विचार कर रही है।
वहीं, 370 भ्रष्ट पटवारियों की लीक हुई लिस्ट के मामले में सरकार की जांच जारी है। CID जिलों से आए इनपुट को खंगाल रही है। संभावना है कि राजस्व विभाग की ओर से जिलों के DC को जारी लिस्ट जिला मुख्यालय से ही लीक हुई है। इसके साथ ही इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर भी खुफिया एजेंसियां नजर रखे हुए हैं।
कुछ ग्रुपों को अभी तक की जांच में चिह्नित भी किया गया है। हालांकि सरकार की ओर से स्पष्ट कर दिया गया है कि लीक हुई लिस्ट को किसी भी कीमत पर वापस नहीं लिया जाएगा। संभावना है कि अगले सप्ताह तक DC इस मामले में अपनी रिपोर्ट बनाकर सरकार को भेज देंगे।