धर्मशाला।राजवीर दीक्षित
(Senior HAS Officer Resigns Over Frequent Transfers, Cites Dignity) हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी और धर्मशाला के पूर्व एसडीएम संजीव कुमार भोट ने ऐच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) का आवेदन देकर प्रशासनिक हलकों में हलचल मचा दी है। अपने इस्तीफे में उन्होंने तबादलों की राजनीति और अफसरशाही के रवैये पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
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भोट ने मुख्य सचिव को भेजे पत्र में लिखा कि पिछले ढाई वर्षों में उनका चार बार ट्रांसफर किया गया, जिससे वे मानसिक तनाव में आ गए। उन्होंने कहा, “मैं दूसरा विमल नेगी नहीं बनना चाहता,”—यह बयान प्रदेश की नौकरशाही में गूंज बन गया है।
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25 वर्षों से अधिक सेवा देने वाले भोट ने लाहौल-स्पीति, किन्नौर, भरमौर, डोडरा-क्वार जैसे दुर्गम और जनजातीय क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य किया है। 1998 में नायब तहसीलदार से अपना करियर शुरू करने वाले भोट का कहना है कि उन्हें सरकार से कोई व्यक्तिगत शिकायत नहीं है, परंतु कुछ अफसरों के व्यवहार ने उन्हें आहत किया है।
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उन्होंने यह निर्णय आत्मसम्मान और पारिवारिक शांति को प्राथमिकता देते हुए लिया है। भोट ने स्पष्ट किया कि यदि उन्होंने कोई गलती की हो, तो उसे बताया जाए।
यह घटनाक्रम हिमाचल की प्रशासनिक व्यवस्था में चल रही अंदरूनी राजनीति की ओर इशारा करता है और सवाल उठाता है कि क्या अफसरों की निष्पक्षता अब तबादलों की राजनीति में खोती जा रही है?