श्री कीरतपुर साहिब। राजवीर दीक्षित
(Health Department’s Key Steps in ‘War on Drugs’ Campaign)पंजाब सरकार द्वारा चलाए गए “नशों के खिलाफ युद्ध” मुहिम को लेकर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सार्वजनिक स्थानों पर तंबाकू सेवन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की। बस अड्डे समेत विभिन्न जगहों पर तंबाकू सेवन करने वालों के चालान काटे गए और जुर्माना वसूल किया गया। इस दौरान लोगों को तंबाकू के सेवन से शरीर पर पड़ने वाले खतरनाक प्रभावों के बारे में जागरूक भी किया गया।
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सीनियर मेडिकल अफसर डॉ. दलजीत कौर ने कहा कि इस मुहिम को हर स्तर पर व्यापक समर्थन मिल रहा है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग इस मुहिम को सफल बनाने के लिए निरंतर प्रयास कर रहा है और समय-समय पर नशों के खिलाफ जागरूकता अभियान चला रहा है।
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डॉ. दलजीत कौर ने तंबाकू सेवन के गंभीर स्वास्थ्य खतरे के बारे में जानकारी दी, जिसमें फेफड़े, जिगर, मुंह, कोलन और गर्भाशय का कैंसर होने का खतरा शामिल है। इसके अतिरिक्त दिल की बीमारियां और इरेक्टाइल डिसफंक्शन जैसी समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं। उन्होंने बताया कि तंबाकू के सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, जिससे संक्रमण का खतरा भी बढ़ता है।
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साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि बीड़ी और सिगरेट का धुआं न केवल पीने वाले व्यक्ति के लिए हानिकारक है, बल्कि यह पास खड़े व्यक्तियों, खासकर बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं के लिए भी खतरनाक है। इसे “पैसिव स्मोकिंग” कहा जाता है।
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स्वास्थ्य विभाग की तरफ से तंबाकू छोड़ने के लिए सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में मुफ्त सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं, जिनका लाभ जरूरतमंद लोगों को उठाना चाहिए।
हेल्थ इंस्पेक्टर सुखदीप सिंह ने बताया कि उनकी टीम ने सिगरेट और तंबाकू उत्पाद एक्ट-2003 का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ समय-समय पर जुर्माना लगाया है और लोगों को तंबाकू के खतरों के बारे में जागरूक किया है।
हिमाचल के उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने पत्रकार वार्ता।
स्वास्थ्य विभाग के इस प्रयास से नशों के खिलाफ लड़ाई में एक नई उम्मीद जगी है और यह मुहिम समाज में स्वस्थ जीवन के प्रति जागरूकता फैलाने में मददगार साबित हो रही है।