चंडीगढ़ । राजवीर दीक्षित
(High Court Setback for Punjab BJP Leader Ranjit Gill)पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने बीजेपी नेता रणजीत सिंह गिल द्वारा दायर दो याचिकाओं को खारिज कर दिया है। गिल ने यह मांग की थी कि यदि उन्हें भ्रष्टाचार और NDPS मामलों में आरोपी के रूप में “नामजद” किया जाता है और राज्य सरकार उन्हें गिरफ्तार करने का निर्णय लेती है, तो उन्हें पहले से अग्रिम नोटिस दिया जाए। उन्होंने जांच एजेंसी द्वारा जारी नोटिस को रद्द करने की भी मांग की थी।
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रिकॉर्ड पर रखे गए हलफ़नामे में एसएसपी- cum- SIT चेयरमैन ने आरोप लगाया कि गिल, मुख्य आरोपी बिक्रम सिंह मजीठिया के करीबी सहयोगी हैं और मजीठिया की अवैध कमाई का एक बड़ा हिस्सा गिल की कंपनी Gillco में निवेश किया गया था।
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गिल ने प्रार्थना की थी कि यदि उन्हें आरोपी बनाया जाता है और राज्य सरकार उनकी गिरफ्तारी का निर्णय लेती है, तो उन्हें कम से कम दो हफ्ते पहले का नोटिस दिया जाए ताकि वे कानूनी उपाय कर सकें। यह गिरफ्तारी या तो 25 जून को मोहाली स्थित विजिलेंस ब्यूरो थाने में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज FIR में या फिर 22 दिसंबर 2021 को राज्य अपराध थाना में NDPS अधिनियम के तहत दर्ज FIR में हो सकती थी। दूसरी याचिका गिल और एक अन्य याचिकाकर्ता ने दाख़िल की थी, जिसमें 4 अगस्त 2021 की FIR में जारी नोटिस को रद्द करने की मांग की गई थी। उनके वकील ने इसे अवैध और कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग बताया।
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दोनों याचिकाएँ खारिज करते हुए जस्टिस त्रिभुवन दहिया ने कहा कि गिरफ्तारी से सात दिन पहले नोटिस देने का निर्देश देना “बिना जांच एजेंसी द्वारा एकत्र या एकत्र किए जाने वाले सबूतों की समीक्षा किए, गिरफ्तारी से blanket protection देने जैसा होगा, और यह भी तय नहीं हो पाएगा कि पूछताछ के लिए हिरासत में लेना आवश्यक है या नहीं।” अदालत ने कहा कि यदि उन्हें आरोपी नामित किया जाता है या गिरफ्तारी की आशंका होती है, तो याचिकाकर्ता कानून के तहत सक्षम अदालत से अग्रिम जमानत ले सकते हैं।
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11 अगस्त को दाख़िल एसएसपी-cum-SIT चेयरमैन के हलफ़नामे में कहा गया है कि याचिकाकर्ता (गिल) FIR नं. 02, दिनांक 22 दिसंबर 2021 में मुख्य आरोपी बिक्रम सिंह मजीठिया के करीबी हैं और मजीठिया की अवैध कमाई का एक बड़ा हिस्सा उनकी कंपनी Gillco में निवेश किया गया था।
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गिल, जिन्होंने जुलाई में शिरोमणि अकाली दल से इस्तीफ़ा देकर 1 अगस्त को बीजेपी जॉइन की थी, ने अपनी याचिका में आरोप लगाया कि बाद की गई तलाशी और नोटिस राजनीतिक रूप से प्रेरित हैं।