नई दिल्ली। राजवीर दीक्षित
(196 Medicines Fail Quality Check in India, One Found Fake)देश की दवा गुणवत्ता पर बड़ा सवाल उठाते हुए केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) की नई रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। अप्रैल 2025 में की गई नियमित जांच में 3,000 दवा सैंपलों में से 196 गुणवत्ता मानकों पर फेल हो गए। इनमें एक दवा नकली भी पाई गई, जो बिहार से थी। सबसे अधिक दवाएं हिमाचल प्रदेश में निर्मित थीं, जिन्हें या तो केंद्रीय या राज्य प्रयोगशालाओं ने गुणवत्ता में फेल करार दिया।
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प्रभावित दवाओं में पैरासिटामोल, टेल्मिसार्टन, ग्लाइमेपिराइड, मेट्रोनिडाजोल जैसी आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली दवाएं शामिल हैं। हालांकि सभी ब्रांड नहीं, केवल कुछ बैच ही फेल हुए हैं।
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सरकार ने फेल हुए बैचों को बाजार से हटाने और कंपनियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह रिपोर्ट आम जनता के लिए एक चेतावनी है कि वे दवा खरीदते समय बैच नंबर जरूर जांचें और किसी भी संदेह की स्थिति में डॉक्टर की सलाह लें।
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सरकार का यह कदम दर्शाता है कि दवाओं की गुणवत्ता को लेकर सतर्कता बरती जा रही है और समय-समय पर जांच के जरिए जनता की सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है।