नई दिल्ली। राजवीर दीक्षित
(Brahmos Missile: India’s Key Weapon in Global Defense)भारत की ब्रह्मोस मिसाइल, जो अत्याधुनिक तकनीक से लैस और सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है, अब दुनिया भर के 17 देशों की रक्षा प्रणालियों में शामिल होने के लिए तैयार है। हाल ही में इस मिसाइल ने आतंकवाद विरोधी अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जहां इसने सीमा पार आतंकवादी ठिकानों और सैनिक स्थापनाओं को सटीकता से निशाना बनाया।
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ब्रह्मोस की शक्ति अत्यधिक प्रभावी है, जो आवाज की गति से तीन गुना तेज़ रफ्तार से चलने में सक्षम है और इसकी मारक क्षमता 500 से 800 किलोमीटर तक है। यह मिसाइल 300 किलोग्राम विस्फोटक ले जाने की क्षमता भी रखती है और इसे जमीन, पानी तथा हवा से लॉन्च किया जा सकता है।
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दुनिया भर में ब्रह्मोस की बढ़ती मांग को देखते हुए, कई देश जैसे इंडोनेशिया, वियतनाम, मलेशिया, और अन्य 17 देशों ने इसे अपनी रक्षा प्रणाली में शामिल करने में गहरी दिलचस्पी दिखाई है। भारतीय सेना ने इस मिसाइल का प्रयोग जम्मू-कश्मीर में हाल ही में आतंकवादियों के खिलाफ की गई कार्रवाई में किया, जहां ब्रह्मोस की मदद से पाकिस्तान के पांच सैनिक हवाई अड्डों पर प्रभाव डाला गया।
ब्रह्मोस की वैश्विक मांग भारत को रक्षा निर्यात के क्षेत्र में एक प्रमुख देश बनाने की दिशा में अग्रसर कर रही है, और यह ‘आत्मनिर्भर भारत’ मुहिम को भी बल प्रदान कर रहा है।