श्री आनंदपुर साहिब। राजवीर दीक्षित
(March 31: Liquor Rush Overshadows Anti-Drug Campaign)पंजाब सरकार द्वारा मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में चलाए जा रहे “नशों के खिलाफ युद्ध” अभियान को जनता का जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। पूरे प्रदेश में नशा तस्करों के ठिकानों पर छापे मारे जा रहे हैं, अवैध धंधे बंद कराए जा रहे हैं, और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। समाजसेवी संगठन भी इस अभियान का समर्थन कर रहे हैं।
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लेकिन 31मार्च की तारीख शराब प्रेमियों के लिए किसी त्योहार से कम नहीं रही। ठेके बंद होने से पहले शराब पर भारी छूट दी गई, जिससे शराब प्रेमियों को कम कीमत पर शराब खरीदने का सुनहरा मौका मिला। ठेकों के बाहर लंबी कतारें लगीं, और पेटियों की पेटियां बिकती नजर आईं।
हिमाचल के उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने पत्रकार वार्ता।
शाम होते-होते “नशों के खिलाफ युद्ध” अभियान का जोश ठंडा पड़ गया। पुलिस की सख्ती और नियम-कायदे कुछ घंटों के लिए नजरअंदाज कर दिए गए। अब बड़ा सवाल यह है कि जो लोग सस्ती शराब की भारी खरीदारी कर चुके हैं, क्या उनके घरों पर भी स्थानीय प्रशासन की जांच होगी?
🟨🟨🟨 पंजाब के 50 फर्जी ट्रैवल एजेंटों के लाइसेंस रद्द,नोटिस का जवाब न देने पर हुई बड़ी कारवाई।
इस स्थिति ने नशा विरोधी मुहिम की प्रभावशीलता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या यह अभियान केवल दिखावा है, या सरकार इसको गंभीरता से लागू करने के लिए ठोस कदम उठाएगी?