नंगल । राजवीर दीक्षित
(Nangal Hydel Canal Damaged at 9 Spots, Supply Disrupted)लगातार हो रही बारिश ने पंजाब के भाखड़ा-नंगल क्षेत्र में जल संकट की स्थिति पैदा कर दी है। नंगल हाइडल नहर — जिसे भाखड़ा मेन लाइन कैनाल भी कहा जाता है — नौ स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो गई है। खतरे को देखते हुए नहर में छोड़े जाने वाले पानी का बहाव घटाकर 12,500 क्यूसेक से 9,000 क्यूसेक कर दिया गया है।
भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) ने मरम्मत कार्य युद्धस्तर पर शुरू कर दिया है। यह नहर नंगल डैम से निकलकर सतलुज का पानी पड़ोसी राज्यों हरियाणा और राजस्थान तक पहुंचाती है।
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BBMB अधिकारियों के अनुसार, नहर के किनारे कमजोर होने के बाद तत्काल पानी का दबाव घटाना पड़ा। सूत्रों ने बताया कि हरियाणा सहित भागीदार राज्यों ने पहले ही लगातार बारिश और घटती मांग का हवाला देकर पानी की मात्रा कम करने का अनुरोध किया था।
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🔎 अचानक पानी घटाने से बढ़ा खतरा उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि जब अचानक नहर में पानी कम किया गया, तो बहाव से मिट्टी पर पड़ने वाला दबाव घट गया, जिससे नहर की दीवारें अस्थिर हो गईं और टूटने का खतरा बढ़ गया। मिट्टी सामान्यतः बहाव के दबाव से ही सटी रहती है, इसलिए पानी कम करने की प्रक्रिया धीरे-धीरे होनी चाहिए।
अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया कि 9,000 क्यूसेक से नीचे बहाव कम नहीं किया जाएगा, ताकि ढांचे को और नुकसान न पहुँचे।
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🏚️ 80 घरों पर खतरा — सतलुज किनारे कटाव मरम्मत के चलते नंगल और आनंदपुर साहिब हाइडल नहर से अतिरिक्त पानी सतलुज में छोड़ा जा रहा है। फिलहाल 60,000 से 70,000 क्यूसेक पानी नदी में छोड़ा जा रहा है, जिससे रूपनगर ज़िले के दौलतपुर गाँव सहित कई इलाक़ों में मिट्टी के बांध कट गए हैं। कटाव के कारण भूस्खलन का ख़तरा बढ़ गया है और करीब 80 मकानों पर खतरे की तलवार लटक रही है।
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🚧 कर्मचारी कमी से बिगड़ी हालत BBMB सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने माना कि नहरों की ठीक ढंग से देखभाल नहीं हो पाई है क्योंकि स्टाफ़ की भारी कमी है। भाखड़ा डैम सर्कल के सिंचाई विंग में इस समय लगभग 2,000 पद खाली पड़े हैं।
🌊 आनंदपुर साहिब हाइडल नहर की भी मरम्मत जारी इसी बीच पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (PSPCL) द्वारा देखरेख की जा रही आनंदपुर साहिब हाइडल नहर की मरम्मत भी जारी है। यह नहर नंगल डैम से किरतपुर साहिब तक जाती है और फिर सतलुज में मिल जाती है। इस नहर पर 100-100 मेगावॉट क्षमता के दो पावर प्रोजेक्ट भी स्थापित हैं।
मरम्मत कार्य में किला आनंदगढ़ साहिब के स्वयंसेवक भी मदद कर रहे हैं।
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📢 उपायुक्त वरजीत सिंह वालिया ने बताया —
“भाखड़ा डैम से पानी की रिहाई 60,000 से 70,000 क्यूसेक के बीच है, लेकिन सतलुज की सहायक नदियों — स्वां और सिरसा — से भी पानी का बहाव बढ़ा है, जिससे निचले इलाक़ों में दबाव और बढ़ गया है।”
📍 कुल मिलाकर, नंगल हाइडल नहर की क्षति और सतलुज में बढ़ा हुआ जलस्तर पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के लिए पानी व बिजली आपूर्ति पर सीधा असर डाल सकता है। स्थिति पर नज़र रखी जा रही है, लेकिन खतरा अभी पूरी तरह टला नहीं है।