चंडीगढ़। राजवीर दीक्षित
(No Forced Service Charge: Delhi High Court Rules in Favor of Consumers)दिल्ली हाई कोर्ट ने एक अहम फैसले में स्पष्ट किया है कि रेस्टोरेंट मालिक ग्राहकों से जबरन सर्विस चार्ज नहीं वसूल सकते। कोर्ट ने कहा कि यह उपभोक्ता अधिकारों का उल्लंघन है और इसे अनिवार्य रूप से बिल में जोड़ना गलत है।
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फेडरेशन ऑफ होटल्स एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (FHRAI) द्वारा दायर याचिका में सर्विस चार्ज को वैध ठहराने की मांग की गई थी, लेकिन हाई कोर्ट ने केंद्रीय उपभोक्ता सुरक्षा प्राधिकरण (CCPA) के दिशा-निर्देशों को बरकरार रखते हुए इसे गैर-कानूनी बताया।
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कोर्ट ने उपभोक्ताओं को राहत देते हुए कहा कि यदि किसी रेस्टोरेंट में जबरन सर्विस चार्ज वसूला जाता है, तो ग्राहक उपभोक्ता अदालत और संबंधित प्राधिकरण में शिकायत कर सकते हैं। इसके अलावा, अदालत ने नियमों को चुनौती देने के लिए रेस्टोरेंट एसोसिएशन पर 1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
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यह फैसला ग्राहकों के अधिकारों को सुरक्षित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है और अब लोग बिना किसी अनावश्यक शुल्क के अपने खाने का आनंद ले सकेंगे।