सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: शंभू बॉर्डर खोलने की याचिका खारिज, किसानों में निराशा

चंडीगढ़ । राजवीर दीक्षित

(Supreme Court Dismisses Petition to Open Shambhu Border Amid Ongoing Farmers’ Protest) सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को शंभू बॉर्डर को खोलने की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। जस्टिस सूर्य कांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने स्पष्ट किया कि इस मामले में पहले से एक याचिका लंबित है और नई याचिका पर अलग से सुनवाई नहीं की जाएगी।

याचिकाकर्ता गौरव लूथरा, जो पंजाब के जालंधर के निवासी हैं, ने केंद्र और राज्य सरकारों से सभी बॉर्डर खोलने की मांग की थी, यह कहते हुए कि बॉर्डर बंद करना मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।

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किसानों का आंदोलन जारी

फरवरी 2023 से शंभू बॉर्डर पर डटे किसानों का आंदोलन अब भी जारी है। किसान संगठन अपनी विभिन्न मांगों को लेकर संघर्षरत हैं। हाल ही में, 6 दिसंबर को किसानों ने दिल्ली की ओर बढ़ने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागकर उन्हें पीछे हटने पर मजबूर कर दिया। 8 दिसंबर को एक बार फिर किसान दिल्ली की ओर बढ़े, लेकिन लगभग पौने चार घंटे बाद उन्हें वापस लौटना पड़ा।

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पुलिस की कार्रवाई और किसानों की प्रतिक्रिया

शंभू बॉर्डर पर हरियाणा पुलिस ने किसानों पर फूल बरसाए, लेकिन किसानों का आरोप है कि इन फूलों में केमिकल मिला हुआ था जिससे उनकी आंखों में जलन हुई। इसके बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे, जिसमें तीन किसान घायल हो गए, एक की हालत गंभीर बताई जा रही है और उसे चंडीगढ़ PGI रेफर किया गया है।

किसानों की मांगें

किसान संगठन विभिन्न मुद्दों पर अपनी मांगें रख रहे हैं, जिनमें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी, कर्ज माफी, और बिजली दरों में वृद्धि न करने की मांग शामिल हैं। इसके अलावा, वे 2021 के लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय और पिछले आंदोलनों में मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देने की भी मांग कर रहे हैं।

इस प्रकार, सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला किसानों के लिए निराशाजनक साबित हुआ है, जो लंबे समय से अपनी आवाज़ उठाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। अब देखना यह होगा कि किसान संगठनों द्वारा आगे की रणनीति क्या होगी।