पंजाब में पहली बार होगी नशे की जनगणना, घर-घर जाकर जुटाया जाएगा डेटा

लुधियाना। राजवीर दीक्षित
(Punjab to Conduct Drug Census, Officials to Visit Every Household)पंजाब सरकार ने राज्य में नशा करने वालों की पहचान और पुनर्वास के लिए एक बड़ा कदम उठाते हुए घर-घर सर्वे करने का फैसला लिया है। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लुधियाना में एक कार्यक्रम के दौरान इस पहल की घोषणा की।

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केजरीवाल ने कहा कि सरकार नशा बेचने वालों के खिलाफ पहले से ही सख्त कार्रवाई कर रही है, लेकिन अब जरूरत नशा करने वालों को सहारा देने की है। उन्होंने कहा, “ये लोग अपराधी नहीं हैं, बल्कि उन्हें प्यार और इलाज की जरूरत है।” इसी उद्देश्य से पंजाब सरकार की टीमें हर घर जाकर नशा पीड़ितों का डेटा इकट्ठा करेंगी, जिससे उनकी सही पहचान हो सके और उन्हें समय पर चिकित्सा सहायता मिल सके।

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गोपनीय रहेगा डेटा, होगा मुफ्त इलाज

सरकार ने साफ किया है कि इस जनगणना के दौरान जुटाई गई जानकारी पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी। लोग अक्सर सामाजिक कारणों से नशे की समस्या को छिपाते हैं, लेकिन सरकार भरोसा दिला रही है कि यह डेटा किसी के साथ साझा नहीं किया जाएगा। सर्वे के दौरान यदि किसी व्यक्ति को नशे की लत है, तो उसका मुफ्त इलाज भी करवाया जाएगा।

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पंजाब बना देश का पहला राज्य

अगर यह अभियान सफल रहता है, तो पंजाब देश का पहला राज्य होगा जहां नशा करने वालों की आधिकारिक जनगणना होगी। इससे राज्य में बढ़ते नशे पर लगाम लगाने और पीड़ितों को मुख्यधारा में लाने में मदद मिलेगी। सरकार का मानना है कि यह ऐतिहासिक पहल पंजाब को नशा मुक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगी।