पंजाब के कारण हरियाणा पर पानी का संकट, CM मान का दावा “एक बूंद भी फालतू नही”…हरियाणा ने जताई आपत्ति

चंडीगढ़। राजवीर दीक्षित
(Punjab Cuts Water to Haryana: Crisis in 5 Districts)पंजाब और हरियाणा के बीच पानी को लेकर एक बार फिर टकराव गहरा गया है। पंजाब सरकार ने भाखड़ा नहर से हरियाणा को मिलने वाले पानी में कटौती कर दी है, जिससे हरियाणा के पांच जिलों – हिसार, फतेहाबाद, सिरसा, रोहतक और महेन्द्रगढ़ – में पेयजल और सिंचाई संकट गहराने की आशंका है।

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पहले जहां हरियाणा को प्रतिदिन 9,500 क्यूसिक पानी मिल रहा था, अब यह घटाकर 4,000 क्यूसिक कर दिया गया है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने स्पष्ट कहा है, “हमारे पास हरियाणा को देने के लिए एक बूंद भी अतिरिक्त पानी नहीं है। हरियाणा अपना कोटा पहले ही इस्तेमाल कर चुका है।”

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मुख्यमंत्री मान की 5 बड़ी बातें:
1. हरियाणा मार्च में ही 103% पानी उपयोग कर चुका है।
2. SYL नहर अब भी अधूरी है, बावजूद इसके पंजाब अब तक पानी देता रहा।
3. डैमों में पानी की कमी है—रणजीत सागर डैम में पिछले साल से 39 फीट और पौंग डैम में 24 फीट कम पानी है।

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4. मानवीय आधार पर 4000 क्यूसिक पीने लायक पानी दिया जा रहा है।
5. पाकिस्तान को न जाने देने वाला पानी अगर हमें दिया जाए तो हम आगे दे सकते हैं।
हरियाणा का पलटवार: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने इस फैसले को अनुचित बताते हुए कहा कि पंजाब को समझौते के अनुसार पानी देना ही होगा। उन्होंने कहा कि जल्द ही इस मुद्दे पर केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग की जाएगी।

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पानी का विवाद: एक झलक
1976 में केंद्र सरकार ने पंजाब के 7.2 MAF में से 3.5 MAF पानी हरियाणा को देने का आदेश दिया था।
1981 में राज्यों के बीच एक नया जल समझौता हुआ।
आज हरियाणा को औसतन 1.8 MAF पानी मिलता है, जो कई जिलों के लिए जीवनरेखा है।
राजनीति और पानी: इस मुद्दे ने एक बार फिर SYL नहर विवाद और पानी की राजनीति को गरमा दिया है। दोनों राज्यों की सरकारें एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रही हैं, जबकि आम जनता को गर्मियों में पानी के संकट से जूझना पड़ रहा है।