चंडीगढ़ । राजवीर दीक्षित
(Punjab Govt’s New Plan to Attract Super-Specialist Doctors) पंजाब की मान सरकार ने सुपर-स्पेशलिस्ट डॉक्टरों को आकर्षित करने के लिए एक नई योजना बनाई है। वर्तमान में, निजी अस्पतालों में सुपर-स्पेशलिस्ट का मासिक वेतन ढाई लाख से साढ़े 3 लाख तक है, जबकि सरकारी संस्थानों में यह मुश्किल से डेढ़ लाख होता है।
इसे देखते हुए, चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान विभाग ने 280,000 प्रति माह का विशेष प्रोत्साहन देने का प्रस्ताव किया है, जिसे मंजूरी के लिए वित्त विभाग को भेजा गया है।
स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि सरकार सुपर-स्पेशलिस्ट को आकर्षित करने के लिए 280,000 रुपये मासिक प्रोत्साहन देने की योजना बना रही है।
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इसके अतिरिक्त, सरकार सरकारी आवास भी उपलब्ध कराने की योजना बना रही है। हालाँकि, इन उपायों के बावजूद, विभाग निजी क्षेत्र में दिए जाने वाले वेतन के बराबर नहीं हो पाएगा, लेकिन इससे काफी विशेषज्ञों को आकर्षित करने में मदद मिलेगी।
मेडिकल कॉलेज और रिसर्च डिपार्टमेंट की रिपोर्ट के अनुसार, मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में 125 स्वीकृत पदों के मुकाबले केवल 20 सुपर-स्पेशलिस्ट हैं, यानी 84% पद खाली हैं।
सरकार के कई प्रयासों के बावजूद, इन पदों को भरने में सफलता नहीं मिली है। यहाँ तक कि वॉक-इन-इंटरव्यू आयोजित करने के प्रयासों ने भी अधिक सुपर-स्पेशलिस्ट का ध्यान आकर्षित नहीं किया है।
सरकार ने सुपर-स्पेशलिस्ट के अलावा, स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की भर्ती में भी कठिनाई का सामना किया है।
634 स्पेशलिस्ट की भर्ती के लिए किए गए विज्ञापन में केवल 592 आवेदन प्राप्त हुए, और अंत में केवल 71 डॉक्टर ही शामिल हुए। कुछ लोगों ने इस्तीफा भी दे दिया है।
सरकार प्रोत्साहन के अलावा वेतन क्लिनिक प्रणाली भी ला रही है, जिसमें विशेषज्ञों को एक नियम के तहत सरकारी सुविधाओं में निजी प्रैक्टिस करने का विकल्प मिलेगा।