नई दिल्ली। राजवीर दीक्षित
(RBI Slashes Repo Rate by 25 bps, EMI Relief for Borrowers)भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने कर्ज़दारों को राहत देते हुए एक बड़ा कदम उठाया है। गवर्नर संजय मल्होत्रा की अध्यक्षता में मौद्रिक नीति समिति (MPC) की 54वीं बैठक में रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती की गई है। इस कटौती के बाद रेपो रेट 6.25% से घटकर अब 6% पर आ गई है। इससे होम लोन, ऑटो लोन और पर्सनल लोन की EMI में कमी आएगी और आम आदमी को सीधी राहत मिलेगी।
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यह फैसला ऐसे समय में आया है जब वैश्विक आर्थिक तनाव और व्यापारिक अनिश्चितताएं बनी हुई हैं। फरवरी 2025 में भी RBI ने 0.25% की कटौती की थी, और अब फिर से यह राहत दी गई है — जो बीते पांच वर्षों में पहली बार दो लगातार कटौतियों का संकेत है।
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रेपो रेट वह दर होती है जिस पर RBI बैंकों को अल्पकालिक ऋण देता है। इसकी कमी से बैंक सस्ते दर पर कर्ज़ ले सकते हैं और आम जनता को सस्ते लोन मुहैया कराते हैं। हालांकि, फिक्स्ड डिपॉज़िट (FD) पर इसका असर सीमित देखा गया है। केवल कुछ बैंकों—जैसे बैंक ऑफ बड़ौदा, HDFC और यस बैंक—ने ही ब्याज दरों में 15 से 40 बेसिस पॉइंट की कटौती की है।
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आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक, बैंकों की औसत टर्म डिपॉज़िट दर (WADTDR) 2024-25 में 6.91% रही है, जो आठ वर्षों में सबसे अधिक है। यह साफ है कि मौजूदा मौद्रिक नीति का लाभ फिलहाल कर्ज़ लेने वालों को अधिक मिल रहा है, जबकि जमाकर्ताओं को उतना फायदा नहीं हो पाया है।
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RBI का यह कदम देश की आर्थिक स्थिति को स्थिर करने और आम नागरिकों को राहत पहुंचाने की दिशा में एक सकारात्मक संकेत है। आने वाले महीनों में इसका व्यापक असर देखने को मिल सकता है, विशेषकर लोन और रियल एस्टेट से जुड़े क्षेत्रों में।