पटियाला । चंडीगढ़ । राजवीर दीक्षित
(RGNUL Controversy: Students Demand Justice as VC Faces Backlash) पंजाब में पटियाला स्थित राजीव गांधी नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (RGNUL) में वाइस चांसलर और छात्राओं के बीच चल रहा बवाल थम नहीं रहा है। इस मामले में 52 घंटे बाद पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार में शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस ने यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार से रिपोर्ट तलब कर ली है। बैंस ने कहा कि स्टूडेंट्स के साथ पूरा इंसाफ होगा।
यह विवाद रविवार दोपहर शुरू हुआ, जब वाइस चांसलर ने अचानक गर्ल्स हॉस्टल की चेकिंग की। छात्राओं का आरोप है कि उनके साथ कोई महिला स्टाफ नहीं था। वह न केवल बिना बताए हॉस्टल में घुसे और उनकी प्राइवेसी के अधिकार का उल्लंघन किया गया बल्कि उनके छोटे कपड़ों को लेकर भी कमेंट भी किये गए।
वहीं वाइस चांसलर का कहना है कि उन्हें कुछ छात्राओं से ही शिकायत मिली थी कि गर्ल्स हॉस्टल में आधी रात के बाद कुछ लड़कियां सिगरेट और शराब पीती हैं।
दूसरी तरफ पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर और करुणा नंदी भी इस मामले को लेकर आगे आए हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच होनी चाहिए। जब तक जांच पूरी नहीं होती है, तब तक वीसी को पद से हटा देना चाहिए।
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उधर छात्राओं का ये भी कहना है कि अगर वे मीडिया के सामने आईं तो उनके नंबर काट दिए जाएंगे।
पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि यह पढ़कर दुख होता है कि पटियाला के RGNUL को उस समय बंद कर दिया है, जब छात्रों ने कुलपति के इस्तीफे की मांग की है।
पहले आधी रात के बाद शराब पीने की जांच करने के लिए यूनिवर्सिटी के वीसी ने लड़कियों के छात्रावास का औचक निरीक्षण किया।
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महिलाओं पर अपमानजनक टिप्पणी की। यह चौंकाने वाली बात है कि एक विधि विश्वविद्यालय के कुलपति को अपने छात्रों के निजता के संवैधानिक अधिकार के बारे में पूरी तरह से जानकारी नहीं है।
सरकार को तुरंत एक जांच आयोग नियुक्त करना चाहिए और कुलपति को इसके निष्कर्ष जारी होने तक पद से हट जाना चाहिए।
इस मामले में पंजाब ब्राह्मण सभा के प्रधान व सीनियर वकील शेखर शुक्ला का बयान भी सामने आया है। उन्होंने कहा है कि अगर RGNUL के कुलपति के खिलाफ आरोप सच हैं तो वे भयावह हैं।
जांच समिति का गठन तुरंत किया जाना चाहिए, जबकि कुलपति को अंतरिम अवकाश लेने के लिए कहा जाना चाहिए।
शुक्ला ने बताया इस बात का खुलासा उस वक्त हुआ जब रविवार दोपहर करीब साढ़े 3 बजे लॉ यूनिवर्सिटी की छात्राओं ने अचानक वीसी रेजिडेंस के सामने प्रदर्शन शुरू कर दिया।
उनका आरोप था कि वाइस चांसलर अचानक गर्ल्स हॉस्टल की चेकिंग करते हैं। वह जिन कपड़ों में होती हैं, उन पर कमेंट्स करते हैं। यह उनकी प्राइवेसी के अधिकार का उल्लंघन है।
आपको बता दे छात्राएं यहां ‘नॉट यूअर डॉटर’ के पोस्टर लेकर पहुंची थीं। यह धरना पूरी रात चलता रहा। वीसी ने उस वक्त मीडिया से बात नहीं की लेकिन यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार प्रोफेसर आनंद पंवार ने छात्राओं के आरोपों को नकार दिया। उन्होंने कहा कि अगर उनकी कोई दिक्कत है तो यूनिवर्सिटी प्रशासन को बताना चाहिए।
खबर यह भी है कि पुलिस थाना बख्शीवाला के इंचार्ज इंस्पेक्टर जसविंदर सिंह का कहना था कि उन्हें कोई शिकायत नहीं मिली, इसलिए जांच शुरू नहीं की गई।
फिलहाल यूनिवर्सिटी बंद की गई
मामला बिगड़ते देख यूनिवर्सिटी प्रशासन ने एक नोटिस जारी किया। जिसमें स्टूडेंट्स के वेलफेयर का हवाला देकर यूनिवर्सिटी को तत्काल प्रभाव से बंद करने का आदेश दे दिया गया।
इसमें ये भी कहा गया कि जो स्टूडेंट्स घर जाना चाहते हैं, वह जा सकते हैं। हालांकि स्टूडेंट्स ने कहा कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाती, यह आंदोलन खत्म नहीं किया जाएगा।