रूपनगर । राजवीर दीक्षित
(Channi-Bains Faceoff Over Ropar University Project)पंजाब की राजनीति में एक बार फिर सियासी बयानबाज़ी तेज हो गई है। मामला है गुरु गोबिंद सिंह टेक्निकल यूनिवर्सिटी प्रोजेक्ट, रूपनगर (चमकौर साहिब) का, जिस पर पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और मौजूदा शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस आमने-सामने हैं।
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चन्नी का आरोप – जनता के पैसे की बर्बादी
पूर्व मुख्यमंत्री चन्नी ने मौजूदा सरकार पर सीधा हमला बोला और आरोप लगाया कि 500 करोड़ रुपये की इस फ्लैगशिप परियोजना को ठंडे बस्ते में डालकर सरकार ने न सिर्फ़ सैकड़ों करोड़ रुपये बर्बाद कर दिए, बल्कि युवाओं के सपनों को भी तोड़ डाला। चन्नी ने कहा कि कांग्रेस शासनकाल में इस परियोजना पर लगभग 150 करोड़ रुपये खर्च भी हो चुके थे। लेकिन आम आदमी पार्टी सरकार ने इसे बिना किसी ठोस कारण के बंद कर दिया। उनके मुताबिक यह कदम राज्य के हजारों युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ है।
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बैंस का पलटवार – बिना दृष्टिकोण की योजना
चन्नी के आरोपों का जवाब देते हुए शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने कांग्रेस पर ही निशाना साधा। बैंस ने कहा कि यह परियोजना शुरू से ही बिना किसी स्पष्ट योजना और दूरदृष्टि के तैयार की गई थी। उनका आरोप था कि विश्वविद्यालय को नीचे के क्षेत्र (low-lying area) में बनाया गया, जहाँ बुनियादी ढाँचे और साइट प्लानिंग की भारी कमी थी। यही वजह है कि कोई भी राष्ट्रीय या निजी संस्था इस कैंपस को अपने हाथ में लेने को तैयार नहीं है।
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कैंपस की हकीकत
करीब 70 एकड़ जमीन पर फैला यह प्रोजेक्ट पंजाब में तकनीकी शिक्षा का हब बनने वाला था। इसे एक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में तैयार करने की योजना थी और केंद्र सरकार की स्किल डेवलपमेंट स्कीम के तहत किसी बड़े औद्योगिक साझेदार के साथ मिलकर चलाने की बात थी। लेकिन जमीन अधिग्रहण को लेकर भी विवाद खड़ा हुआ। एक स्थानीय अदालत ने 42 एकड़ अतिरिक्त भूमि अधिग्रहण पर रोक लगा दी थी, जिसकी लागत लगभग 19.76 करोड़ रुपये आंकी गई थी और इसे आईकेजी पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी द्वारा वहन किया जाना था।
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अब तक क्या हुआ ?
बैंस का कहना है कि राज्य सरकार इस अधूरी इमारत का उपयोग सुनिश्चित करने के लिए कुछ केंद्रीय संस्थानों से बातचीत कर रही है। हालांकि अभी तक किसी ने रुचि नहीं दिखाई।
राजनीति बनाम विकास
चमकौर साहिब के इस विश्वविद्यालय प्रोजेक्ट पर अब राजनीति गर्मा चुकी है। कांग्रेस इसे युवाओं के साथ धोखा और जनता के पैसों की बर्बादी बता रही है, तो आम आदमी पार्टी कांग्रेस के “खराब प्लानिंग” की दुहाई दे रही है। सवाल यह है कि क्या यह प्रोजेक्ट सचमुच पंजाब के युवाओं के लिए तकनीकी शिक्षा का बड़ा अवसर बन सकता था, या फिर यह शुरू से ही राजनीतिक महत्वाकांक्षा का शिकार था?
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📌 नतीजा साफ है – रूपनगर की यह अधूरी यूनिवर्सिटी अब केवल ईंट-पत्थरों का ढेर नहीं, बल्कि कांग्रेस और आप के बीच सियासी अखाड़ा बन चुकी है। जनता और छात्र समुदाय की नजरें इस पर टिकी हैं कि क्या यह प्रोजेक्ट कभी अपनी असली शक्ल ले पाएगा या हमेशा विवादों में ही दफन रह जाएगा।