भाजपा के पूर्व विधायक की उम्र कैद सजा माफ, गवर्नर के आदेश पर हरसिमरत कौर बादल ने लिया ‘स्टैंड’

नई दिल्ली/चंडीगढ़

(Harsimrat Kaur Questions Dual Legal Standards in India) एक तरफ मोहाली-चंडीगढ़ सीमा पर बंदी सिंहों की रिहाई के लिए मोर्चा लगा हुआ है और मांग की जा रही है कि अपनी सजा पूरी कर चुके बंदी सिंहों को रिहा किया जाए, वहीं दूसरी तरफ यूपी के राज्यपाल की सिफारिश पर योगी सरकार और भाजपा के पूर्व विधायक उदयभान करवरिया की उम्रकैद की सजा माफ कर दी गई है।

बठिंडा से अकाली सांसद हरसिमरत कौर बादल ने इस माफी पर सवाल उठाते हुए कहा है कि क्या हमारे देश में दो कानून हैं, एक भाजपा जैसों के लिए और दूसरा अल्पसंख्यकों खासकर सिख समुदाय के लिए? पहले बिलकिस बानो के हत्यारों की सजा माफ की गई और अब भाजपा के पूर्व विधायक को रिहा कर दिया गया है।

बता दें कि समाजवादी पार्टी के नेता जवाहर पंडित हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहे पूर्व भाजपा विधायक उदयभान करवरिया 25 जुलाई को जेल से रिहा हो गए हैं।

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राज्यपाल द्वारा यूपी सरकार की संस्तुति पर उनकी शेष सजा माफ करने के कारण उनकी रिहाई हुई है। हालांकि, जवाहर पंडित हत्याकांड में ट्रायल कोर्ट द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद आजीवन कारावास की सजा काट रहे पूर्व भाजपा विधायक की सजा माफ करने के आदेश पर विवाद खड़ा हो गया है।

पूर्व भाजपा विधायक उदयभान करवरिया रिहा हो गए हैं। उन्हें 8 साल 9 महीने बाद जेल से रिहा किया गया। इस बीच उन्हें प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल में रखा गया था।

उदयभान के जेल से रिहा होने पर उनकी पत्नी और पूर्व विधायक नीलम करवरिया भी जेल के बाहर मौजूद थीं। जेल से बाहर आने पर उनके समर्थकों ने उन्हें फूल मालाओं से लाद दिया। समर्थकों ने घर पहुंचकर भी जश्न मनाया।

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सरकार ने 19 जुलाई को आजीवन कारावास की सजा पर समय से पूर्व रिहाई के आदेश दिए थे। योगी सरकार की संस्तुति पर राज्यपाल ने उदयभान करवरिया की बची हुई उम्रकैद की सजा माफ कर दी थी।

इसके बाद रिपोर्ट भेजी गई कि पूर्व विधायक किसी अन्य मामले में हिरासत में नहीं है। कागजी कार्रवाई पूरी होने के बाद उदयभान को आज सुबह जेल से रिहा कर दिया गया।

हरसिमरत कौर बादल ने उठाए सवाल

बठिंडा से अकाली सांसद हरसिमरत कौर बादल ने ट्वीट किया कि, क्या देश के गृह मंत्री अमित शाह जवाब देंगे कि :- विधायक जवाहर यादव समेत तीन हत्याओं के आरोपी भाजपा नेता उदयभान करवरिया को उम्रकैद होने के बावजूद किस दया के आधार पर रिहा किया गया है? क्या हमारे देश में दो कानून हैं, एक भाजपा के चहेतों के लिए और दूसरा अल्पसंख्यकों खासकर सिख समुदाय के लिए?

इससे पहले बिलकिस बानो के हत्यारों की सजा माफ की गई और अब भाजपा के पूर्व विधायक को रिहा कर दिया गया है। हमारे बंदी सिंह जो अपनी सजा पूरी कर चुके हैं, कई सालों से अवैध रूप से जेलों में बंद हैं, उनकी रिहाई पर केंद्र ने सरकार क्यों रोक लगा रखी है?

क्या यह अल्पसंख्यक सिख समुदाय के साथ धक्का नहीं है? केंद्र सरकार की ऐसी भेदभावपूर्ण नीति से अल्पसंख्यक सिख समुदाय, जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में बड़ी कुर्बानियां दीं और आजादी के बाद दुश्मन देशों के साथ युद्ध में अपने देश की रक्षा की, को बेगानगी का एहसास करवाती है।

मेरी मांग है कि मानवाधिकारों को प्राथमिकता देते हुए अपनी सजा पूरी कर चुके हमारे बंदी सिंहों को तुरंत रिहा किया जाए, ताकि देश की सरकार के प्रति सिख समुदाय का विश्वास बहाल हो सके।

कब हुई थी जवाहर पंडित की हत्या?

तत्कालीन समाजवादी पार्टी के विधायक जवाहर यादव उर्फ जवाहर पंडित की अगस्त 1996 में शहर के पॉश इलाके सिविल लाइंस में एन-47 के हमले में हत्या कर दी गई थी। इस हमले में करवरिया परिवार के कई सदस्यों को दोषी बनाया गया था। मारे गए जवाहर पंडित का परिवार योगी सरकार के फैसले को कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी कर रहा है।

योगी सरकार के इस फैसले पर उठे सवाल

योगी सरकार के सजा माफी देने के फैसले पर विवाद खड़ा हो गया है। मारे गए जवाहर पंडित के परिजनों और समाजवादी पार्टी के नेताओं ने योगी सरकार के फैसले पर सवाल उठाए हैं।

विधायक की हत्या जैसे गंभीर आरोप में सजा काट रहे कैदी को माफी देने पर आपत्ति जताई गई है। परिजनों और विपक्षी नेताओं का कहना है कि एक तरफ योगी सरकार कानून व्यवस्था की वकालत करती है और दूसरी तरफ विधायक की हत्या के आरोपी भाजपा नेता को कोर्ट के आदेश की अनदेखी कर रिहा करने का काम करती है। उम्रकैद की सजा काट रहा अपराधी भाजपा नेता और पूर्व विधायक है, इसलिए उसकी सजा माफ कर दी गई है।

उदयभान करवरिया कौन और कितनी बार विधायक चुने गए?

उदयभान करवरिया प्रयागराज की बाड़ा सीट से 2002 और 2007 में भाजपा के टिकट पर विधायक चुने गए थे।

समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक जवाहर पंडित की हत्या के मामले में उदयभान के बड़े भाई पूर्व सांसद कपिलमुनि करवरिया, छोटे भाई पूर्व एमएलसी सूरजभान करवरिया और परिवार के कई अन्य सदस्य अभी भी जेल में हैं।

सपा विधायक की हत्या के मामले में राजस्थान के मौजूदा राज्यपाल कलराज मिश्रा ने भी उदयभान करवरिया के बचाव में गवाही दी थी।