BBMB: सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा को अतिरिक्त पानी देने संबंधी हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ पंजाब सरकार की याचिका पर दिया बड़ा आदेश

नई दिल्ली/चंडीगढ़ | राजवीर दीक्षित

(Supreme Court Stays HC Order on Extra Water to Haryana: Relief for Punjab)हरियाणा को भाखड़ा डैम से 4,500 क्यूसिक अतिरिक्त पानी देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को झटका दिया है। अदालत ने सोमवार को पंजाब सरकार की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उसने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के 2 मई के आदेश को चुनौती दी थी।
यह आदेश केंद्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक के फैसले के अनुपालन से जुड़ा था, जिसमें हरियाणा को आठ दिनों के लिए अतिरिक्त पानी देने की सिफारिश की गई थी।

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पंजाब की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ से कहा कि हरियाणा पहले ही अपनी निर्धारित सीमा से 100% से अधिक पानी ले रहा है, फिर भी “मानवीय आधार” पर पंजाब ने 4,000 क्यूसिक अतिरिक्त पानी दे दिया।
लेकिन हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार, पंजाब को 4,500 क्यूसिक पानी देने की बाध्यता दी गई थी।

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इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, जो भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) की ओर से पेश हुए, ने कहा कि सभी पक्षों को सुनने के बाद बोर्ड ने निर्णय लिया था, लेकिन पंजाब ने भाखड़ा-नंगल डैम पर पुलिस बल तैनात कर दिया, ताकि पानी का डायवर्जन रोका जा सके।
उन्होंने कहा, “एक राज्य द्वारा डैम स्थल पर पुलिस तैनात करना अच्छा संकेत नहीं है… आखिरकार पंजाब और हरियाणा के लोग एक ही देश के नागरिक हैं।”
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि हाईकोर्ट के आदेशों की कोई भी टिप्पणी, संबंधित अधिकारी द्वारा भविष्य में लिए जाने वाले निर्णयों को प्रभावित नहीं करेगी।

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🔄 अब BBMB सचिव की नियुक्ति पर नया विवाद
इसी बीच, BBMB और पंजाब सरकार के बीच एक और टकराव सामने आया है, इस बार मामला है बोर्ड के सचिव की नियुक्ति का।
राजस्थान से संबंधित बलवीर सिंह सिम्हर के पदोन्नत होने के बाद सचिव का पद रिक्त हो गया है। BBMB ने कुछ दिन पहले पंजाब के जल संसाधन विभाग को इस पद के लिए नई पात्रता शर्तों की जानकारी दी, जिसका पंजाब सरकार ने विरोध किया है।

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सूत्रों के मुताबिक, नई शर्तों को लेकर आशंका है कि उन्हें हरियाणा को लाभ देने के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया है। नई शर्तों के अनुसार, केवल सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर या एग्जीक्यूटिव इंजीनियर, जिनके पास कम से कम 20 वर्षों का अनुभव हो, वे ही इस पद के लिए पात्र होंगे।
BBMB और पंजाब सरकार के बीच पानी और प्रशासनिक नियुक्तियों को लेकर तनाव बढ़ता जा रहा है, जिसका असर आने वाले समय में साझी जल वितरण व्यवस्था और क्षेत्रीय संबंधों पर भी देखने को मिल सकता है।