हिमाचल: सैलानियों को मिलेगी बड़ी राहत, परवाणू से शिमला तक बनेगा 38 किलोमीटर लंबा रोपवे

टारगेट न्यूज डेस्क।

(The Ambitious Ropeway Project Set to Elevate Himachal Pradesh) परवाणू से शिमला तक का रोपवे प्रोजेक्ट अब सैलानियों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आया है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना की लागत लगभग 6800 करोड़ रुपये होने का अनुमान है, और यह रोपवे सैलानियों को कुछ ही घंटों में राजधानी शिमला पहुंचाने में मदद करेगा।

परियोजना का विवरण
रोपवे कॉरपोरेशन ने बताया कि इस 38 किलोमीटर लंबे रोपवे के निर्माण के लिए आवश्यक जमीन चिह्नित कर ली गई है और सर्वे कार्य पूरा हो चुका है। प्रदेश सरकार इस परियोजना को पीपीपी मोड (जन-निजी भागीदारी) पर विकसित करेगी।

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लाभ और संभावनाएं
इस रोपवे का निर्माण न केवल सैलानियों के लिए सुविधाजनक होगा, बल्कि इससे स्थानीय निवासियों को भी लाभ होगा। अजय शर्मा, निदेशक, रोपवे कॉरपोरेशन ने कहा, “इससे हजारों लोग लाभान्वित होंगे और पर्यटक शिमला-सोलन के खूबसूरत पहाड़ों का आनंद आसमान से ले सकेंगे।”

प्रमुख विशेषताएँ

  • सफर की क्षमता: प्रारंभिक योजना के अनुसार, यह रोपवे प्रति घंटे 3,000 से 5,000 लोगों को यात्रा कराएगा।
  • स्टेशन: रोपवे में विभिन्न स्टेशन शामिल होंगे जैसे परवाणू, जाबली, डगशाई, बड़ोग, सोलन आदि।
  • आधुनिक तकनीक: टाटा कंसल्टेंसी द्वारा बनाई गई विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) के अनुसार, यह प्रोजेक्ट आठ चरणों में पूरा होगा।

पर्यटन को बढ़ावा
रोपवे का निर्माण हिमाचल प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। यह न केवल शिमला की ट्रैफिक समस्या को हल करेगा बल्कि पर्यटकों के लिए एक आकर्षण का केंद्र भी बनेगा।

इस परियोजना की सफलता से हिमाचल प्रदेश की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और यह राज्य को पर्यटन के क्षेत्र में एक नई पहचान दिलाएगा। जैसे-जैसे निर्माण कार्य आगे बढ़ेगा, यह सुनिश्चित किया जाएगा कि पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं।

इस प्रकार, परवाणू से शिमला तक का रोपवे प्रोजेक्ट न केवल सैलानियों के लिए राहत लाएगा, बल्कि स्थानीय निवासियों के जीवन में भी सकारात्मक परिवर्तन लाने की क्षमता रखता है।