Beer and Wine की कीमतों में भी 2 से 5 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी, इम्पोर्टेड शराब के लिए QR कोड आधारित ट्रैक और ट्रेस प्रणाली, बार लाइसेंस होने पर करना होगा यह काम

The Target News

चंडीगढ़ । राजवीर दीक्षित

हरियाणा में नई लीकर पालिसी बुधवार से लागू हो गई है। प्रदेश में शराब की कीमतों में इजाफा होगा। साथ ही बियर भी महंगी हो गई है।

हाल ही में कैबिनेट की मीटिंग में नायब सैनी सरकार ने प्रदेश की नई आबकारी नीति को मंजूरी दी थी। लोकसभा चुनाव के दौरान सरकार ने चुनाव आयोग से इसकी मंजूरी ली थी और अबब नई नीति लागू हो गई है।

बताया जा रहा है हरियाणा में देशी शराब के दाम 5 रुपये तक बढ़ेंगे, जबकि बीयर की कीमत में भी 20 रुपये इजाफा हुआ है। अंग्रेजी शराब की बोतल पर भी 5 फीसदी कीमतें बढऩे जा रही है।

बता दें कि बार इम्पोर्टेड शराब को भी हरियाणा सरकार नीति के दायरे में लाई है। नई नीति के अनुसार, तय होलसेल रेट पर 20 प्रतिशत लाभ ही लिया जा सकता है।

यानी शराब के ठेके पर होलसेल रेट से 20 फीसदी मुनाफे के साथ बोतल बेची जा सकती है। उधर, होटल में बार का लाइसेंस होने पर संचालक अपने होटल के आसपास के तीन ठेकों से भी शराब खरीद सकते हैं।

हालांकि, शर्त है कि तीनों ही शराब के ठेके अलग-अलग लाइसेंस धारक होने चाहिए। हरियाणा की नई आबकारी नीति में रिजर्व प्राइस के मुकाबले 7 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।

वर्ष 2024-25 के लिे आईएमएफएल का अधिकतम मूल कोटा 700 लाख प्रूफ लीटर और देशी शराब के लिए 1,200 लाख प्रूफ लीटर होगा।

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आईएमएफएल और देशी शराब के लिए 2023-24 में शुरु की गई क्यूआर कोड आधारित ट्रैक और ट्रेस प्रणाली को आयातित विदेशी शराब पर भी लागू किया जाएगा।

कारोबार को सुचारु बनाने के लिए विभाग आयातित शराब ब्रांडों की न्यूनतम खुदरा बिक्री कीमतें तय करेगा।

सरकार हर साल नई एक्साइज पालिसी लागू करती है। कुछ एक्साइज ड्यूटी भी बढ़ाई जाती है। इस बार सरकार चाहती है कि शराब की बिक्री से ज्यादा रेवेन्यू आए, इसलिए सरकार ने फीस में बढ़ोतरी की है।

बियर और वाइन की कीमतों में भी 2 से 5 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की है। फरीदाबाद की बात करें तो यहां कुल 115 जोन हैं। प्रत्येक जोन में दो शराब के ठेके होते हैं।

एक्साइज डिपार्टमेंट की तरफ से 97 जोन के ठेके छोड़ दिए गए हैं। बाकी बचे हुए 18 जोन के ठेके भी जल्द छोड़ दिए जाएंगे।

2023-24 में हुई तनी कमाई साल 2022-23 के आंकड़ों पर गौर करें तो सरकार ने ठेकों से राजस्व की कमाई का टारगेट 471 करोड़ रुपये रखा था, जबकि आय उससे कहीं अधिक 558 करोड़ रुपये की हुई थी।

2023-24 में 760 करोड़ रुपये के टारगेट से ज्यादा 922 करोड़ की बिक्री हो चुकी है। यानी शराब पीने वालों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।

अब 2023-25 का टारगेट सरकार ने 813 करोड़ रुपये तय किया है। वैसे अधिकारियों की मानें तो इस टारगेट को पार करके एक हजार करोड़ से भी ज्यादा का रेवेन्यू इस साल हासिल हो सकता है।