ऊना । राजवीर दीक्षित
(Family Alleges Medical Negligence in Una District Hospital Death) हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में एक निजी अस्पताल में ऑपरेशन के दौरान पंजाब के नंगल भलडी मजारी गांव की महिला की मौत का मामला सामने आया है। मृतक महिला के परिजनों ने सरकारी अस्पताल की महिला डॉक्टर और निजी अस्पताल के खिलाफ लापरवाही के गंभीर आरोप लगाए हैं।
मृतक महिला की बेटी, जनकप्रीत कौर ने पुलिस को दी गई शिकायत में बताया कि उनकी मां, जसविंद्र कौर, और पिता महेंद्र सिंह, ऊना के क्षेत्रीय सरकारी अस्पताल गए थे। वहां डॉक्टर ने बताया कि जसविंद्र कौर के पेट मे रसौली है, जिसका ऑपरेशन जरूरी है। सरकारी महिला डॉक्टर ने ऑपरेशन के लिए उन्हें निजी अस्पताल ग्रेस अस्पताल, रक्कड़ (ऊना) में जाने की सलाह दी और ऑपरेशन का खर्च ₹25,000 बताया।
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परिजनों के मुताबिक, ग्रेस अस्पताल में उन्होंने ₹26,400 जमा किए। इसके बाद जसविंद्र कौर को ऑपरेशन थिएटर में ले जाया गया। शाम करीब 4 बजे सरकारी अस्पताल में तैनात डॉक्टर स्वीकी जैन ऑपरेशन थिएटर के अंदर गईं।
जनकप्रीत कौर और परिवार का आरोप है कि ऑपरेशन के बाद कई घंटे बीतने के बावजूद उन्हें मरीज से मिलने नहीं दिया गया। जब उन्हें मिलने दिया गया, तब तक जसविंद्र कौर की मौत हो चुकी थी। उनका कहना है कि ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर और अस्पताल प्रशासन ने लापरवाही की, जिसकी वजह से उनकी मां की मौत हुई।
मृतक के पति ने बताया कि उनकी पत्नी ऑपरेशन से पहले पूरी तरह स्वस्थ थीं और घर के सारे कामकाज कर रही थीं। उन्होंने इसे लापरवाही का मामला बताया और डॉक्टर स्वीकी जैन व ग्रेस अस्पताल के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
मामले की सूचना मिलने पर पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की। पुलिस ने सरकारी डॉक्टर स्वीकी जैन और ग्रेस अस्पताल के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। मृतक महिला का शव पोस्टमार्टम के लिए सरकारी अस्पताल भेज दिया गया है। पुलिस ने आगे की जांच शुरू कर दी है।
ग्रेस अस्पताल के डायरेक्टर ने परिजनों के आरोपों को खारिज किया है। उनका कहना है कि ऑपरेशन सफलतापूर्वक किया गया था और मरीज को ICU में शिफ्ट किया गया था। हालांकि, ICU में अचानक तबीयत खराब होने के चलते उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया। करीब ढाई से तीन घंटे के इलाज के बाद महिला की मौत हो गई।
परिजनों ने मीडिया से बात करते हुए सरकारी डॉक्टर और निजी अस्पताल के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि सरकारी डॉक्टर की मिलीभगत से उनकी पत्नी को निजी अस्पताल भेजा गया, जहां लापरवाही के कारण उनकी मौत हो गई। उन्होंने निजी अस्पताल को बंद करने और दोषी डॉक्टरों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की अपील की है।
इस घटना ने सरकारी और निजी अस्पतालों की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। ऑपरेशन से पहले स्वस्थ महिला की अचानक मौत के मामले में अगर लापरवाही साबित होती है, तो यह चिकित्सा क्षेत्र के लिए एक बड़ा झटका होगा।
पुलिस मामले की जांच कर रही है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। यह रिपोर्ट ही तय करेगी कि महिला की मौत का असली कारण क्या था। यदि रिपोर्ट में लापरवाही की पुष्टि होती है, तो दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो सकती है।
इस घटना ने चिकित्सा क्षेत्र में विश्वास पर गहरी चोट पहुंचाई है। परिजन जहां न्याय की गुहार लगा रहे हैं, वहीं आम जनता के बीच भी सरकारी और निजी अस्पतालों को लेकर आक्रोश देखा जा रहा है। ऐसी घटनाएं चिकित्सा प्रणाली की खामियों को उजागर करती हैं और सिस्टम में सुधार की आवश्यकता पर बल देती हैं।
ऊना में ऑपरेशन के दौरान हुई इस दर्दनाक घटना ने एक परिवार को गहरा सदमा दिया है। यह घटना न केवल एक परिवार की व्यक्तिगत त्रासदी है, बल्कि चिकित्सा क्षेत्र की जवाबदेही और पारदर्शिता पर भी सवाल खड़े करती है। पुलिस और प्रशासन को इस मामले में निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।