वर्ल्ड हैप्पीनेस इंडेक्स 2025: भारत की रैंकिंग बढ़ी, लेकिन खुशी में अब भी पीछे

नई दिल्ली। राजवीर दीक्षित
(World Happiness Index 2025: India Improves Rank but Trails Behind Pakistan & Nepal) संयुक्त राष्ट्र के अंतरराष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस (20 मार्च) के अवसर पर वर्ल्ड हैप्पीनेस इंडेक्स 2025 जारी किया गया, जिसमें फिनलैंड लगातार आठवीं बार दुनिया का सबसे खुशहाल देश बना। इसके बाद डेनमार्क और आइसलैंड का स्थान रहा।

हालांकि भारत ने इस साल 118वीं रैंक हासिल की, जो पिछले साल की 126वीं रैंक से बेहतर है, लेकिन भारत अब भी पाकिस्तान (109) और नेपाल (92) से पीछे है।

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भारत की रैंकिंग में सुधार, लेकिन पड़ोसी देशों से पीछे

इस साल भारत ने अपनी रैंकिंग में 8 स्थानों का सुधार किया, लेकिन पाकिस्तान, नेपाल और यहां तक कि युद्धग्रस्त यूक्रेन (111) से भी पीछे है। विशेषज्ञों के अनुसार, जीवन स्तर, सामाजिक समर्थन, स्वतंत्रता, उदारता और भ्रष्टाचार जैसे कारकों के आधार पर यह रैंकिंग तैयार की गई है।

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सबसे ‘अप्रसन्न’ देश कौन सा?

अफगानिस्तान (147वां स्थान) लगातार सबसे अप्रसन्न देश बना हुआ है। तालिबान शासन के चलते वहां की जनता, खासकर महिलाओं, को कठोर प्रतिबंधों का सामना करना पड़ रहा है।

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खुशहाली के पीछे की वजहें

वर्ल्ड हैप्पीनेस इंडेक्स 2025 को तैयार करने में GDP, औसत जीवन प्रत्याशा, सामाजिक सहयोग, स्वतंत्रता, उदारता और भ्रष्टाचार की धारणा जैसे कारकों का विश्लेषण किया गया।

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भारत के लिए क्या संकेत?

हालांकि भारत की रैंकिंग में सुधार हुआ है, लेकिन अभी भी उसे सामाजिक कल्याण, स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन स्तर में और सुधार करने की जरूरत है। विशेषज्ञों का मानना है कि संतोषजनक जीवन स्तर और मानसिक स्वास्थ्य पर अधिक ध्यान देने से भारत आने वाले वर्षों में अपनी रैंकिंग बेहतर कर सकता है।